ट्रंप की धमकी के बाद ईरान में डर का माहौल, तीन द्वीपों पर तैनात किया नया मिसाइल सिस्टम, बढ़ेगी तनातनी!

ईरान ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन द्वीपों—ग्रेटर टुंब, लेसर टुंब और अबू मूसा—पर उन्नत मिसाइल सिस्टम तैनात कर दिया है. यह क्षेत्रीय सुरक्षा और शक्ति संतुलन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

Fear prevails in Iran after Trumps threat new missile system deployed on three islands tensions will increase
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

तेहरान: ईरान ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन द्वीपों—ग्रेटर टुंब, लेसर टुंब और अबू मूसा—पर उन्नत मिसाइल सिस्टम तैनात कर दिया है. यह क्षेत्रीय सुरक्षा और शक्ति संतुलन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. ये द्वीप होर्मुज जलडमरूमध्य के पास स्थित हैं, जहां से वैश्विक तेल व्यापार का एक बड़ा हिस्सा गुजरता है.

ईरान के इस कदम को अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी से जोड़कर देखा जा रहा है. ट्रंप ने हाल ही में ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता के लिए कहा था, अन्यथा सैन्य कार्रवाई की संभावना जताई थी.

ईरान की रणनीति और शक्ति प्रदर्शन

इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के नौसेना कमांडर अलीरेजा तांगसिरी ने घोषणा की कि इन द्वीपों पर नई मिसाइल प्रणाली की तैनाती ईरान की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने का हिस्सा है. उन्होंने कहा, "हमने अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा ली है, जिससे अब हम किसी भी संभावित खतरे का जवाब देने में सक्षम हैं."

ईरान के अनुसार, यह मिसाइल प्रणाली 600 किलोमीटर (370 मील) तक मार कर सकती है और किसी भी दुश्मन के ठिकाने, जहाज या संपत्ति को निशाना बनाने में सक्षम है.

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव

ईरान की इस सैन्य तैनाती के बाद अमेरिका ने भी अपनी सैन्य मौजूदगी को और मजबूत किया है. मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि वाशिंगटन अब भी ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत को प्राथमिकता देना चाहता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है.

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की धमकियों को खारिज करते हुए कहा कि ईरान किसी भी हमले का माकूल जवाब देगा. उन्होंने कहा, "ईरान अपने हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो उसे करारा जवाब मिलेगा."

क्षेत्रीय प्रभाव और संभावित परिदृश्य

इस नई सैन्य तैनाती से खाड़ी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है. ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच इन द्वीपों को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है. अगर अमेरिका या उसके सहयोगी देशों ने इस कदम का जवाब दिया, तो खाड़ी क्षेत्र में हालात और जटिल हो सकते हैं.

स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, क्योंकि इससे वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

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