वाशिंगट डीसी (अमेरिका) : अमेरिका ने भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. उसने देश की 4 ऑयल एक्सपोर्ट कंपनियों पर बैन लगा दिया है जो कि ईरान के साथ व्यापार कर रही थीं. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी वित्त विभाग ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज में यह बात कही है.
साथ ही उसने चीन और यूएई की कुछ कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
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अमेरिका का क्या कहना है?
अमेरिकी सरकार का कहना है कि ईरान की ऑयल एक्सपोर्ट इंडस्ट्री अवैध शिपिंग नेटवर्क पर निर्भर है. अमेरिका की ‘मैक्सिमम प्रेशर’ पॉलिसी के तहत ऐसे नेटवर्क पर कार्रवाई की जा रही है, ताकि ईरान की आर्थिक गतिविधियों को कमजोर किया जा सके.
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा, “आज प्रतिबंधित किए गए संगठनों में UAE और हॉन्गकॉन्ग के ऑयल ब्रोकर, भारत और चीन के टैंकर ऑपरेटर, ईरान की नेशनल ऑयल कंपनी के प्रमुख और ईरानी ऑयल टर्मिनल्स कंपनी शामिल हैं. इनकी वजह से ईरान को अस्थिर करने वाली गतिविधियों में आर्थिक मदद मिली है.”
भारत की किन कंपनियों पर बैन लगा?
अमेरिका के फॉरेन एसेट कंट्रोल और स्टेट डिपार्टमेंट ने भारत की 4 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. ये कंपनियां ईरानी तेल के ट्रांसपोर्ट और उसके कॉमर्शियल-टेक्निकल मैनेजमेंट में शामिल थीं.
बैन की गई भारतीय कंपनियां
फ्लक्स मैरीटाइम LLP (नवी मुंबई)
BSM मैरीन LLP (दिल्ली-NCR)
ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (दिल्ली-NCR)
कॉसमॉस लाइन्स इंक (तंजावुर)
इनमें से तीन कंपनियां ईरानी तेल के ट्रांसपोर्ट में शामिल जहाजों के मैनेजमेंट का काम कर रही थीं, जबकि कॉसमॉस लाइन्स को सीधे ईरानी पेट्रोलियम ट्रांसपोर्ट में शामिल होने के चलते बैन किया गया.
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बैन का असर: क्या होगा कंपनियों पर असर?
जब किसी कंपनी पर अमेरिकी प्रतिबंध लगता है, तो उसके आर्थिक लेन-देन और कारोबार पर बड़ा असर पड़ता है.
संभावित प्रभाव
- संपत्तियां जब्त हो सकती हैं: अमेरिका बैन की गई कंपनियों की संपत्तियों को फ्रीज (जब्त) कर सकता है.
- बैंकिंग लेन-देन बंद: अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय बैंक प्रतिबंधित कंपनियों के साथ लेन-देन नहीं करेंगे.
- इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर रोक: कंपनियां अमेरिका से सीधे व्यापार नहीं कर पाएंगी.
- अन्य देशों से कारोबार प्रभावित: कई अन्य देश भी अमेरिकी प्रतिबंधों को मानते हैं, जिससे कंपनियों का वैश्विक कारोबार प्रभावित हो सकता है.
बैन का दायरा कितना बड़ा हो सकता है?
संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे संगठन प्रतिबंध लगा सकते हैं, लेकिन उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी सदस्य देशों पर होती है.
अमेरिका पहले भी ईरान, रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे देशों पर प्रतिबंध लगा चुका है. यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगाए गए थे.
पहले भी भारतीय कंपनियों पर हुआ था बैन
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध लगे हैं.
पिछले साल अक्टूबर में
- गब्बारो शिप सर्विसेज नाम की भारतीय कंपनी पर ईरानी तेल के एक्सपोर्ट में शामिल होने की वजह से बैन लगाया गया था.
- भारत की तीन अन्य शिपिंग कंपनियों पर रूसी प्रोजेक्ट में शामिल होने के चलते एक्शन लिया गया.
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