'साउथ चाइना-सी में चीन को कंट्रोल करना जरूरी', फिलीपींस ने भारत को दिया स्क्वाड जॉइन करने का न्योता

दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती विस्तारवादी नीति को देखते हुए फिलीपींस ने भारत और दक्षिण कोरिया को 'स्क्वाड' समूह में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना और चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना है.

It is necessary to control China in South China Sea Philippines invites India to join the squad
फिलीपींस सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रोमियो ब्रॉनर/Photo- PTI

नई दिल्ली: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती विस्तारवादी नीति को देखते हुए फिलीपींस ने भारत और दक्षिण कोरिया को 'स्क्वाड' समूह में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना और चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना है.

फिलीपींस सेना प्रमुख ने भारत को दिया प्रस्ताव

फिलीपींस सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रोमियो ब्रॉनर रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में किए जा रहे आर्टिफिशियल आइलैंड निर्माण और सैन्य गतिविधियों पर चर्चा की.

जनरल ब्रॉनर ने बताया कि चीन तीन आर्टिफिशियल द्वीप विकसित कर रहा है और मिसचीफ रीफ पर एयर डिफेंस तथा मिसाइल सिस्टम के लिए 2.7 किमी लंबा रनवे तैयार कर रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन को समय रहते नहीं रोका गया, तो वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर नियंत्रण स्थापित कर सकता है.

'चीन हमारा दुश्मन है' - ब्रॉनर

जनरल ब्रॉनर ने एक इंटरव्यू में कहा, "भारत और फिलीपींस के बीच समानताएं हैं, क्योंकि हमारे सामने एक समान चुनौती है. चीन हमारे लिए खतरा है और हमें इसे रोकने के लिए एक साथ आना होगा."

उन्होंने यह भी बताया कि फिलीपींस की सेना और रक्षा क्षेत्र पहले से ही भारतीय सैन्य उद्योग के साथ सहयोग कर रहे हैं.

क्या है 'स्क्वाड' ग्रुप?

'स्क्वाड' एक अनौपचारिक बहुपक्षीय सुरक्षा समूह है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और फिलीपींस शामिल हैं. इस समूह का मुख्य उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना, गुप्त सूचनाएं साझा करना और सैन्य अभ्यास करना है.

भारत के लिए क्यों अहम है यह प्रस्ताव?

भारत पहले से ही 'क्वाड' (Quad) का सदस्य है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. क्वाड का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है, जहां चीन लगातार अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

अगर भारत 'स्क्वाड' से जुड़ता है, तो उसे दक्षिण चीन सागर में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक पहुंच मजबूत करने का मौका मिलेगा.

दक्षिण चीन सागर विवाद: क्या है मामला?

दक्षिण चीन सागर इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच स्थित 35 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और व्यापारिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है.

क्यों विवादास्पद है यह इलाका?

  • चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र पर दावा करता है, जबकि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इसके हिस्सों पर अपना हक जताते हैं.
  • क्षेत्र में तेल और गैस के बड़े भंडार मौजूद हैं, जिससे इसे लेकर विवाद और बढ़ जाता है.
  • चीन आर्टिफिशियल आइलैंड्स बनाकर यहां सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है.

भारत के लिए दक्षिण चीन सागर क्यों महत्वपूर्ण है?

  • भारत के समुद्री व्यापार का लगभग 55% दक्षिण चीन सागर के रास्ते से गुजरता है.
  • यदि चीन पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण कर लेता है, तो भारत के समुद्री व्यापार और तेल-गैस परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है.
  • भारत वियतनाम के साथ मिलकर इस क्षेत्र में तेल और गैस की खोज कर रहा है, जिसे चीन चुनौती दे रहा है.
  • अमेरिका और भारत दोनों इस बात पर जोर देते रहे हैं कि दक्षिण चीन सागर अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र है और किसी एक देश का इस पर पूर्ण नियंत्रण नहीं हो सकता.

क्या भारत 'स्क्वाड' में शामिल होगा?

फिलहाल भारत ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, भारत क्वाड के जरिए पहले से ही इंडो-पैसिफिक सुरक्षा में योगदान दे रहा है. यदि भारत 'स्क्वाड' में शामिल होता है, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता और चीन के आक्रामक रवैये को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम होगा.

अब देखने वाली बात होगी कि भारत इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाता है और इंडो-पैसिफिक में अपनी भूमिका कैसे बढ़ाता है.

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