'खेल से लेकर कूटनीति तक... भारत से बहुत कुछ सीख सकता है पाकिस्तान', पूर्व पाकिस्‍तानी डिप्लोमेट की सलाह

भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने अपने देश को सलाह देते हुए कहा है कि भारत से कई अहम चीजें सीखी जा सकती हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कुछ क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है, जिससे पाकिस्तान को प्रेरणा लेनी चाहिए.

From sports to diplomacy Pakistan can learn a lot from India advice from a former Pakistani diplomat
भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित/Photo- Internet

इस्लामाबाद: भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने अपने देश को सलाह देते हुए कहा है कि भारत से कई अहम चीजें सीखी जा सकती हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कुछ क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है, जिससे पाकिस्तान को प्रेरणा लेनी चाहिए. खासतौर पर खेल आयोजनों, विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत उपस्थिति के मामले में भारत ने प्रभावशाली काम किया है.

भारत से क्या सीख सकता है पाकिस्तान?

अपने एक वीडियो संदेश में अब्दुल बासित ने कहा, "मैं भारत में एक राजनयिक के तौर पर काम कर चुका हूं. भारत और पाकिस्तान का साझा इतिहास है, इसलिए मुझे भारत में हो रही घटनाओं में रुचि रहती है." उन्होंने बताया कि भारत की कई सफलताएं पाकिस्तान के लिए सीखने योग्य हैं.

आईपीएल और खेल आयोजन

  • बासित ने कहा कि भारत ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंटों में से एक बना दिया है.
  • पाकिस्तान भी अगर इसी तरह के खेल आयोजनों पर ध्यान दे, तो यह अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि के लिए फायदेमंद हो सकता है.

रायसीना डायलॉग और कूटनीति

  • उन्होंने रायसीना डायलॉग जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों की सराहना की, जहां दुनिया भर के बड़े नेता भारत के साथ संवाद करने आते हैं.
  • पाकिस्तान को भी इसी तरह अपने कूटनीतिक संबंध मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वैश्विक स्तर पर सकारात्मक छवि बनाई जा सके.

भारत की किन चीजों से बचने की जरूरत?

हालांकि, बासित ने यह भी कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पाकिस्तान को भारत से बचकर रहना चाहिए.

राष्ट्रवाद और क्षेत्रीय तनाव

उन्होंने भारत में राष्ट्रवाद के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई. दक्षिण भारत और उत्तर भारत के बीच बढ़ते राजनीतिक व सांस्कृतिक मतभेदों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय असंतोष पनप सकता है.

धार्मिक और सामाजिक विभाजन

बासित ने यह भी दावा किया कि भारत में धार्मिक बंटवारा बढ़ रहा है, जिससे सिखों और मुसलमानों को लेकर नई बहसें खड़ी हो रही हैं. उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान को ऐसे किसी भी सांप्रदायिक या सामाजिक विभाजन से बचना चाहिए.

भारत के भविष्य को लेकर चेतावनी

अब्दुल बासित ने भारत की आंतरिक राजनीति को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अगर क्षेत्रीय असंतोष और राष्ट्रवाद इसी तरह बढ़ता रहा, तो भारत को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने सोवियत संघ के टूटने का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर राजनीतिक और सामाजिक तनाव नियंत्रित नहीं किए गए, तो भारत में भी अलगाववादी प्रवृत्तियां जन्म ले सकती हैं.

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