बांग्लादेश की राजनीति में बड़ी हलचल, मोहम्मद यूनुस की कैबिनेट से नाहिद इस्लाम का इस्तीफा

शेख हसीना को हटाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र और अन्य पार्टी लॉन्च करने के लिए 28 फरवरी को ढाका के माणिक मिया एवेन्यू में एक भव्य रैली की तैयारी कर रहे हैं.

बांग्लादेश की राजनीति में बड़ी हलचल, मोहम्मद यूनुस की कैबिनेट से नाहिद इस्लाम का इस्तीफा
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में हिस्सा लेने वाले नाहिद इस्लाम | Photo- Wikimedia

ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार नाहिद इस्लाम ने राजनीति में शामिल होने के लिए मंगलवार को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है.

वे पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख छात्र नेताओं में से एक हैं. वे एक छात्र नेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश के डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.

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इस्तीफा सौंपने के बाद नाहिद इस्लाम ने कही ये बात

"मैंने 28 फ़रवरी को लॉन्च होने वाली नई राजनीतिक पार्टी में शामिल होने के लिए कैबिनेट से इस्तीफा देने का फैसला किया है", नाहिद इस्लाम ने मुख्य सलाहकार को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा.

शेख हसीना को हटाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र और अन्य लोग पार्टी लॉन्च करने के लिए 28 फ़रवरी को ढाका के माणिक मिया एवेन्यू में एक भव्य रैली की तैयारी कर रहे हैं.

नाहिद इस्लाम से पार्टी का नेतृत्व करने की उम्मीद है; हालांकि, नाम का खुलासा अभी नहीं किया गया है.

छात्रों के आंदोंलने से शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था

अगस्त 2024 में, छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन ने कई हफ़्तों तक चले विरोध और हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया, जिसके परिणामस्वरूप 600 से ज़्यादा मौतें हुईं. 76 वर्षीय हसीना भारत भाग गईं और उसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया.

तब से, भारत-बांग्लादेश सीमा पर लोगों द्वारा सीमा पार करके भारत में घुसने की कई कोशिशें देखी गई हैं और दोनों देश सीमा सुरक्षा पर भी चर्चा कर रहे हैं.

भारत और बांग्लादेश के उच्च-स्तरीय अधिकारियों ने कई मुद्दों पर चर्चा की है. नाहिद इस्लाम उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने शेख हसीना के ख़िलाफ़ व्यापक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था. यूनुस की नियुक्ति के बाद से विपक्ष ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का भी विरोध किया है और मांग की है कि वह पद छोड़ दें और उन्हें "अल्पसंख्यकों का हत्यारा" या "हिंदू हत्यारा यूनुस" करार दें.

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अवामी लीग और उसके सहयोगी यूनुस के विरोध में

इससे पहले 13 फरवरी को अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के खिलाफ नारे लगाए थे. प्रदर्शनकारियों ने नारा लगाया, "यूनुस पद छोड़ो, हमें न्याय चाहिए, हमें शेख हसीना चाहिए".

प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, "डॉ यूनुस आतंकवादियों की मदद से सत्ता पर कब्जा करने वाले एक अवैध और नाजायज व्यक्ति हैं. हमारे संविधान के अनुसार, शेख हसीना अभी भी बांग्लादेश की पीएम हैं. उन्होंने आतंकवादियों की मदद से उन्हें (उनके पद से) हटा दिया. लेकिन अगली बार, हम चुनाव चाहते हैं. लोग शेख हसीना को फिर से चुनेंगे".

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