नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (27 मार्च 2025) को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने की कोशिशों में राज्य सरकार के सहयोग न करने का आरोप लगाया.
बॉर्डर सिक्योरिटी को लेकर TMC पर निशाना
अमित शाह ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 2,216 किलोमीटर है, जिसमें से 1,653 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है. उन्होंने कहा कि बाकी बचे 563 किलोमीटर में से 112 किलोमीटर में नदियों, नालों और पहाड़ियों के कारण बाड़ लगाना संभव नहीं है, लेकिन 450 किलोमीटर पर फेंसिंग अभी तक लंबित है.
गृह मंत्री ने कहा, "हमने इस मुद्दे को हल करने के लिए सात बार बैठकें कीं, लेकिन बंगाल सरकार ज़मीन उपलब्ध नहीं करवा रही है. इससे सीमा की सुरक्षा कमजोर हो रही है और अवैध घुसपैठियों को रास्ता मिल रहा है."
अवैध घुसपैठ और पहचान पत्रों का मुद्दा
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि अवैध प्रवासियों को पहचान पत्र मुहैया कराने में पश्चिम बंगाल सरकार की भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि पहले अवैध प्रवासी असम के रास्ते आते थे, लेकिन अब पश्चिम बंगाल उनकी मुख्य एंट्री पॉइंट बन गया है.
"जिन बांग्लादेशियों को हाल ही में पकड़ा गया, उनके पास बंगाल के 24 परगना जिले के आधार कार्ड मिले हैं. ये कैसे संभव हुआ? किसने उन्हें ये पहचान पत्र दिए? यह साफ दर्शाता है कि टीएमसी सरकार की शह पर अवैध घुसपैठियों को नागरिकता और अन्य दस्तावेज दिए जा रहे हैं."
अवैध प्रवासियों को सख्त चेतावनी
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि भारत में व्यापार, शिक्षा और अन्य वैध उद्देश्यों के लिए आने वाले लोगों का स्वागत है, लेकिन अवैध रूप से घुसपैठ कर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
"अगर कोई रोहिंग्या या बांग्लादेशी अवैध तरीके से घुसपैठ कर देश में अशांति फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. भारत की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा."
इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है. अब यह देखना होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है.
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