नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पारित कर दिया गया. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में आने वाले विदेशी नागरिकों की निगरानी को सुदृढ़ किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं, उनका स्वागत होगा, लेकिन अवैध रूप से प्रवेश करने वालों और सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बिल की मुख्य विशेषताएँ:
विदेशियों की निगरानी: भारत में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों का डेटा दर्ज किया जाएगा, जिससे उनकी आवाजाही और गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अवैध प्रवासियों, ड्रग्स कार्टेल और हवाला कारोबार में शामिल लोगों की पहचान और रोकथाम सुनिश्चित की जाएगी.
पर्यटन और निवेश को बढ़ावा: सरकार का मानना है कि यह विधेयक विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा.
आधुनिक डेटा प्रबंधन प्रणाली: विदेशी नागरिकों के आगमन और प्रस्थान की जानकारी एक केंद्रीकृत डिजिटल सिस्टम में दर्ज की जाएगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जाएगा.
निषिद्ध क्षेत्रों की सुरक्षा: कुछ संवेदनशील स्थानों जैसे सैन्य अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर विदेशी नागरिकों की अनधिकृत पहुंच प्रतिबंधित होगी.
वीजा प्रक्रिया में सुधार: सरकार ने वीजा श्रेणियों को स्पष्ट किया है और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं.
गृह मंत्री अमित शाह का वक्तव्य:
अमित शाह ने कहा कि यह बिल भारत की सुरक्षा और विकास के लिए आवश्यक है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह विधेयक केवल उन विदेशी नागरिकों को प्रभावित करेगा, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य विदेशी आगंतुकों की गतिविधियों को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अपनी छवि को और मजबूत कर सके."
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर कुछ चिंताएँ व्यक्त कीं, लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया कि यह विधेयक पारदर्शिता और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
अन्य विधायी कार्य:
इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल के अलावा, लोकसभा ने डिजास्टर मैनेजमेंट (संशोधन) बिल और रेलवे (संशोधन) बिल में तकनीकी बदलावों को भी मंजूरी दी.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकारी विभागों के लिए एआई टूल्स के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, हालांकि सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानियाँ बरतनी होंगी.
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