नई दिल्ली: 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही केंद्रीय बजट में किए गए प्रमुख बदलाव लागू हो जाएंगे. इन बदलावों से टैक्स, निवेश, कस्टम ड्यूटी और अन्य वित्तीय पहलुओं पर असर पड़ेगा.
1. आयकर में बड़ी राहत: 12 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री
बदलाव:
- न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा.
- नौकरीपेशा लोगों को 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा, जिससे कर-मुक्त आय की सीमा 12.75 लाख रुपये हो जाएगी.
- 20 से 24 लाख रुपये की आय के लिए 25% टैक्स का नया स्लैब लागू होगा.
प्रभाव: मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत मिलेगी. 30% की उच्चतम दर अब 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होगी.
2. TDS सीमा में बढ़ोतरी: किराये और ब्याज पर राहत
बदलाव:
- किराये की आय पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की गई.
- वरिष्ठ नागरिकों की एफडी ब्याज आय पर टीडीएस सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई.
- प्रोफेशनल सर्विस पर TDS सीमा ₹30,000 से बढ़ाकर ₹50,000 की गई.
प्रभाव: कम आय वाले व्यक्तियों पर TDS का बोझ कम होगा और कैश फ्लो बेहतर होगा.
3. विदेश में पढ़ाई के लिए टैक्स में छूट
बदलाव:
- विदेश में शिक्षा के लिए भेजी जाने वाली राशि पर TCS सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई.
- यदि राशि बैंक लोन से ली गई है, तो TCS नहीं लगेगा.
प्रभाव: छात्रों और अभिभावकों को वित्तीय राहत मिलेगी.
4. आयकर रिटर्न अपडेट करने के लिए ज्यादा समय
बदलाव:
- अब करदाता 48 महीने तक अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
- 24-36 महीने के बीच रिटर्न भरने पर 60% अतिरिक्त टैक्स और 36-48 महीने के बीच 70% अतिरिक्त टैक्स देना होगा.
प्रभाव: करदाता अपनी गलतियों को सुधारने और स्वैच्छिक अनुपालन करने के लिए अधिक समय प्राप्त करेंगे.
5. ULIP पर कैपिटल गेन टैक्स
बदलाव:
- यदि यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) का वार्षिक प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो इसे कैपिटल एसेट माना जाएगा.
- 12 महीने से अधिक की होल्डिंग पर 12.5% LTCG और 12 महीने से कम की होल्डिंग पर 20% STCG टैक्स लगेगा.
प्रभाव: हाई-इनकम टैक्सपेयर के लिए ULIP निवेश पर कर भार बढ़ेगा.
6. कस्टम ड्यूटी में बदलाव: 150-200 उत्पादों पर असर
बदलाव:
- कुछ उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई, जिससे वे सस्ते होंगे.
- कुछ उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाई गई, जिससे उनकी कीमतों में वृद्धि होगी.
सस्ते होने वाले उत्पाद:
- 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली लग्जरी कारें.
- 1600cc से कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें.
- कुछ जीवनरक्षक दवाएं.
- इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों के लिए आवश्यक सामग्री.
महंगे होने वाले उत्पाद:
स्मार्ट मीटर, सोलर सेल, आयातित जूते, नौकाएं, PVC फ्लेक्स बैनर, LED/LCD टीवी.
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