बीजिंग: चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनाव और गहरा गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता, तो बुधवार से अतिरिक्त 50% टैरिफ लागू कर दिया जाएगा. इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका की यह रणनीति "ब्लैकमेलिंग" है और वह इसके आगे नहीं झुकेगा.
हम तैयार हैं, असर होगा लेकिन गिरेंगे नहीं- चीन
रविवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपल्स डेली ने स्पष्ट किया कि यदि ट्रेड वॉर होता है, तो चीन इसके लिए पूरी तरह से तैयार है और इससे और मजबूत होकर निकलेगा. अखबार में कहा गया, "अमेरिकी टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन इससे चीन की अर्थव्यवस्था ढहने वाली नहीं है."
चीन के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि चीन वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद दुनिया के लिए अपने दरवाजे खुले रखेगा. वाणिज्य मंत्रालय के उपमंत्री लिंग जी ने अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चीन को निवेश के लिए "आदर्श और सुरक्षित" बताया.
चीन के बजाय अन्य देशों से बातचीत करेंगे ट्रंप
ट्रंप ने सोमवार को कहा कि यदि चीन जवाबी टैरिफ हटाने से इनकार करता है, तो अमेरिका उससे वार्ता स्थगित कर अन्य देशों के साथ बातचीत शुरू करेगा. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी देश पर "रेसिप्रोकल टैरिफ" (जैसे को तैसा टैरिफ) को रोकने के पक्ष में नहीं हैं. व्हाइट हाउस ने उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था कि ट्रंप 90 दिनों के लिए टैरिफ रोकने पर विचार कर रहे हैं.
अमेरिका से समझौते को तैयार यूरोपीय यूनियन
यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूरोपीय यूनियन (EU) अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद को हल करने के लिए तैयार है. उन्होंने औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ हटाने का प्रस्ताव दिया और कहा कि इस तरह के शुल्क सबसे पहले अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यापारियों पर ही भारी पड़ते हैं.
ट्रंप का दावा- अमेरिका में महंगाई नहीं
ग्लोबल मार्केट में जारी गिरावट के बावजूद ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में महंगाई नहीं बढ़ी है. उन्होंने पिछली अमेरिकी सरकारों को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनकी नीतियों की वजह से चीन जैसे देशों को अमेरिका का फायदा उठाने का मौका मिला.
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि चीन द्वारा अमेरिका के खिलाफ 34% टैरिफ वृद्धि के बावजूद अमेरिका को पहले से लागू टैरिफ से हर हफ्ते अरबों डॉलर का राजस्व मिल रहा है.
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