जयपुर: भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अहम प्रगति हुई है. मंगलवार को जयपुर में आयोजित एक बिजनेस समिट के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने घोषणा की कि दोनों देशों ने इस समझौते के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToRs) को अंतिम रूप दे दिया है.
वेंस ने इसे एक ऐतिहासिक पड़ाव बताया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की साझा रणनीतिक सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में अहम कदम है.
वेंस की जयपुर यात्रा: एक नजर
चार दिवसीय भारत दौरे पर आए वेंस सोमवार को दिल्ली पहुंचे. उन्होंने अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए और शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसके बाद देर रात वे जयपुर पहुंचे, जहां मंगलवार को उन्होंने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में व्यापारिक समुदाय को संबोधित किया.
जेडी वेंस के संबोधन की प्रमुख बातें-
न्यायसंगत सहयोग की वकालत:
वेंस ने कहा, "हम ऐसे व्यापारिक सहयोगी चाहते हैं जो अपने श्रमिकों का सम्मान करते हों और वेतन कटौती जैसे शॉर्टकट्स से बचते हों."
स्थिर और पारदर्शी वैश्विक व्यापार तंत्र:
उन्होंने एक ऐसे वैश्विक ट्रेड सिस्टम की जरूरत बताई, जो "संतुलित, पारदर्शी और स्थायी" हो.
ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग:
वेंस ने अमेरिका की ऊर्जा क्षमताओं को भारत के न्यूक्लियर पावर और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) महत्वाकांक्षाओं में सहायक बताया.
तीन साझा लक्ष्य:
भारत और अमेरिका के तीन प्राथमिक लक्ष्य – सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, और नई तकनीकों के विकास पर ज़ोर दिया.
मोदी को बताया 'टफ नेगोशिएटर':
वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी की व्यापारिक बातचीत में मजबूत पकड़ की सराहना करते हुए कहा कि ट्रम्प-मोदी की घोषणा— 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने की— अब तेजी से वास्तविकता की ओर बढ़ रही है.
ToRs में शामिल हैं 19 प्रमुख सेक्शन
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रस्तावित भारत-अमेरिका ट्रेड डील के Terms of Reference में 19 महत्वपूर्ण अध्याय शामिल हैं. इनमें टैरिफ, गुड्स एक्सचेंज, नॉन-टैरिफ बैरियर्स, और कस्टम्स सहयोग जैसे बिंदु मुख्य हैं.
इस समझौते को और तेज गति देने के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अमेरिका रवाना होगा.
वाशिंगटन में 3 दिवसीय वार्ता 23 अप्रैल से
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश अग्रवाल, जो हाल ही में नए कॉमर्स सेक्रेटरी नियुक्त हुए हैं, इस वार्ता का नेतृत्व करेंगे. यह तीन दिवसीय वार्ता 23 अप्रैल से वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी समकक्षों के साथ होगी.
राजेश अग्रवाल 1 अक्टूबर से आधिकारिक रूप से अपने पद का कार्यभार संभालेंगे, लेकिन उन्होंने अभी से जिम्मेदारी उठाना शुरू कर दी है.
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