पहलगाम (जम्मू-कश्मीर): दक्षिण कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार दोपहर आतंक का तांडव देखने को मिला. आतंकियों ने बैसरन घाटी में खुलेआम फायरिंग की, जिसमें एक पर्यटक की मौत हो गई, जबकि कम से कम 12 लोग घायल हुए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने पहले पीड़ित से उसका नाम पूछा और फिर उसे सिर में गोली मार दी.
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के एक फ्रंटल संगठन ने ली है.
हमले के बाद सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज
हमले के तुरंत बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है और सेना तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. घायलों को श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री एक्शन में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “जघन्य कृत्य” बताया और कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से सऊदी अरब से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली.
शाह ने तुरंत श्रीनगर रवाना होकर हाई लेवल मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया है.
रक्षा मंत्री ने भी लिया फीडबैक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बातचीत कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सेना और सरकार की रणनीति पूरी ताकत से जारी रहेगी.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि "आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है. सरकार को अब जमीनी हकीकत स्वीकार करनी चाहिए और सिर्फ बयानबाजी छोड़ कर ठोस कदम उठाने चाहिए."
क्यों अहम है पहलगाम का इलाका?
सवाल जो अब उठने लगे हैं...
यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति की जान लेने तक सीमित नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में वापसी करते अस्थिरता के संकेत भी देता है. आने वाले दिनों में यहां की सुरक्षा रणनीतियों पर व्यापक पुनर्विचार की आवश्यकता अब और भी ज्यादा जरूरी हो गई है.
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