अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है. उन्होंने एक खतरनाक योजना बनाई है, जो दुश्मन को हैरान कर सकती है. खबर है कि ट्रंप ने उस अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को फारस की खाड़ी में तैनात किया है, जिसने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के शव को समुद्र में दफन किया था. यह एयरक्राफ्ट कैरियर, USS कार्ल विंसन, अब ईरान के पास पहुंचने वाला है. साथ ही, अमेरिका और इजरायल मिलकर ईरान पर एक बड़ा हमला करने की तैयारी में हैं. सूत्रों के अनुसार, अगर ईरान नया परमाणु समझौता करने में विफल रहता है, तो दोनों देश मिलकर एक जोरदार हमला करेंगे.
ट्रंप बदला लेने के मूड में
इजरायल पर हमले के बाद से मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ा हुआ है, और ट्रंप इसका बदला लेने के मूड में हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि अगर नया परमाणु समझौता नहीं हुआ, तो युद्ध ‘लगभग तय’ है. हालांकि, ट्रंप दोहरे खेल में हैं. वाइट हाउस ईरान से अप्रत्यक्ष बातचीत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर वह अपनी सैन्य ताकत से दबाव बना रहे हैं. USS कार्ल विंसन 9 अप्रैल तक फारस की खाड़ी में पहुंच सकता है, जबकि अमेरिका का USS हैरी एस ट्रूमैन पहले से ही वहां मौजूद है और ईरान समर्थक हूती आतंकियों पर हमले कर रहा है.
स्टील्थ बॉम्बर्स भी तैनात
अमेरिका ने ईरान को चेतावनी देने के लिए स्टील्थ बॉम्बर्स भी तैनात किए हैं. अमेरिका ने अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का एक तिहाई हिस्सा हिंद महासागर के डिएगो गार्सिया में तैनात किया है. सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि इनमें से 6 B-2 बॉम्बर्स ईरान की ओर निशाना साधे हुए हैं. ये बॉम्बर्स इतने ताकतवर हैं कि ईरान के परमाणु ठिकानों को जमीन के अंदर ही नष्ट कर सकते हैं. इसके अलावा, अमेरिका के स्ट्रैटोटैंकर विमान भी तैयार हैं, जो इन बॉम्बर्स को हवा में ईंधन देने में मदद करेंगे, जिससे उनकी रेंज बढ़ जाएगी.
हालांकि, ईरान ने अमेरिका की धमकियों को नजरअंदाज किया है और चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने कोई गलत कदम उठाया, तो वह उसके सैन्य ठिकानों को नष्ट कर देगा. ईरान के एक शीर्ष जनरल ने कहा कि अमेरिका कांच के घर में बैठा है, इसलिए उसे पत्थर फेंकने से बचना चाहिए. ट्रंप ने ईरान को दो महीने की मोहलत दी है. उन्होंने कहा है कि या तो ईरान नया परमाणु समझौता करे, या फिर अमेरिकी हमले के लिए तैयार रहे.
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