भारत ने पहली बार बना लिया ऐसा हथियार, दुश्मन के ड्रोन का एक ही झटके में हो जाएगा काम तमाम

भारत ने पहली बार एक ऐसी खास तकनीक हासिल की है, जो दुश्मन के ड्रोन, छोटे विमान और मिसाइलों को लेजर किरणों से गिरा सकती है.

India weapon laser system will shoot down enemy drones
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

भारत ने पहली बार एक ऐसी खास तकनीक हासिल की है, जो दुश्मन के ड्रोन, छोटे विमान और मिसाइलों को लेजर किरणों से गिरा सकती है. इस तकनीक को डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) कहा जाता है. अब तक ये ताकत सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन, यूके और इजराइल जैसे देशों के पास थी.

कैसे काम करता है ये लेजर हथियार?

भारत ने 30 किलोवाट वाला लेजर-DEW Mark-II(A) सिस्टम तैयार किया है. इसने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में टेस्टिंग के दौरान एक छोटा विमान और सात ड्रोन मार गिराए. इतना ही नहीं, ये सिस्टम ड्रोन पर लगे कैमरे और सेंसर भी बंद कर सकता है. यह टेस्ट 3.5 किलोमीटर दूर से किया गया, और वह भी तेज गर्मी में.

'बीम किल' बनाम 'मिसाइल किल'

DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बी. के. दास ने बताया कि यह हथियार ‘बीम किल’ करता है यानी लेजर से हमला करता है. जबकि पारंपरिक हथियार ‘काइनेटिक किल’ करते हैं यानी मिसाइल से हमला करते हैं. लेजर से मारने में कम खर्च होता है और यह लंबे समय तक चलने वाले युद्ध के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है.

भारत के पास अब क्या-क्या है?

सेना के पास अभी 2 किलोवाट के लेजर सिस्टम हैं, जो 1 से 2 किलोमीटर तक काम करते हैं. अब DRDO ने 30 किलोवाट वाला ज्यादा पावरफुल सिस्टम बनाया है, जो आगे चलकर विमानों और युद्धपोतों पर लगाया जा सकेगा.

फिलहाल सेना ने ऐसे 23 सिस्टम खरीदे हैं, जिनकी कीमत करीब 400 करोड़ रुपये है. DRDO अब और भी ताकतवर 50 से 100 किलोवाट के लेजर हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है. साथ ही हाई एनर्जी माइक्रोवेव सिस्टम पर भी काम शुरू हो गया है, जो बड़ी संख्या में ड्रोन को एक साथ निष्क्रिय कर सकते हैं.

सस्ता और असरदार तरीका

एक DRDO अधिकारी ने बताया कि लेजर वेपन को कुछ सेकंड चलाने की लागत सिर्फ कुछ लीटर पेट्रोल के बराबर होती है. यानी ये ड्रोन जैसे खतरों से निपटने का बहुत सस्ता और स्मार्ट तरीका है.

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