तुर्की की सेना ने सीरिया के तियास (टी 4) एयरबेस पर कब्जा करने की कोशिश शुरू कर दी है, खासकर जब से एचटीएस (हयात तहरीर अल-शाम) का राज सीरिया में स्थापित हुआ है. तुर्की इस एयरबेस पर शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम लगाने की योजना बना रहा है. संभावना जताई जा रही है कि तुर्की यहां रूस का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर सकता है, जिसे इजरायली एफ-35 फाइटर जेट्स को रोकने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है. इसके अलावा, इस एयरबेस पर निर्माण कार्य भी शुरू होने की संभावना है.
सीरिया की नई सरकार को हवाई समर्थन
मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिसंबर से तुर्की और सीरिया के बीच रक्षा समझौते की बातचीत चल रही थी. इस समझौते के तहत, तुर्की सीरिया की नई सरकार को हवाई समर्थन और सैन्य सुरक्षा देने का वादा करेगा, क्योंकि सीरिया की एचटीएस सरकार के पास कोई मजबूत सेना नहीं है. इससे पहले, तुर्की ने सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति की संभावना को नकारने की कोशिश की थी, लेकिन पर्दे के पीछे दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही थी.
इजरायल, जो कि सीरिया में तुर्की की सेना की मौजूदगी को एक बड़ा खतरा मानता है, इस नए बदलाव को गंभीरता से देख रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान सीरिया में अपनी सेना तैनात करके इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं. उनका मानना है कि इससे वह ऑटोमन साम्राज्य की पुरानी ताकत को फिर से हासिल कर सकते हैं. रूस और ईरान के सीरिया से हटने के बाद, इस क्षेत्र में जो खालीपन आया है, उसे तुर्की भरना चाहता है. तुर्की का उद्देश्य आईएस आतंकवादियों के खिलाफ हमलों को तेज करना है, और यह अमेरिका के इस क्षेत्र से हटने की शर्त भी हो सकती है, क्योंकि इस समय अमेरिका के सैकड़ों सैनिक सीरिया में तैनात हैं.
टी 4 एयरबेस पर कब्जा करना शुरू
रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की ने टी 4 एयरबेस पर कब्जा करना शुरू कर दिया है, जो सीरिया के मध्य भाग में स्थित है. यहां तुर्की एक नया एयर डिफेंस सिस्टम, जैसे कि हिसार टाइप का एयर डिफेंस, तैनात करने की योजना बना रहा है. जब यह सिस्टम तैनात हो जाएगा, तो यहां सैन्य अड्डे के लिए आवश्यक अन्य सुविधाओं का निर्माण भी शुरू हो जाएगा. तुर्की का इरादा इस एयरबेस पर सर्विलांस और हथियारबंद ड्रोन तैनात करने का है, जो लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता रखते होंगे. इस एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से इजरायल के ड्रोन और फाइटर जेट्स को गिराना संभव होगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जब तुर्की का एयर डिफेंस सिस्टम यहां तैनात हो जाएगा, तो इजरायल को सीरिया पर हवाई हमले करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा. इजरायल की सेना लगातार सीरिया के सैन्य ठिकानों पर हमले कर रही है, और हाल ही में इजरायली फाइटर जेट्स ने टी 4 और पाल्मायरा एयरबेस पर हमला किया था, जिसमें रनवे और अन्य रणनीतिक ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था.
इजरायली सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि अगर तुर्की ने सीरिया में कोई भी नया एयर बेस स्थापित किया, तो इससे इजरायल की सैन्य गतिविधियों पर असर पड़ेगा, और वह अपनी सीमा तक तुर्की की सेना को आसानी से आता हुआ देख सकता है. तुर्की नाटो का सदस्य है और दुनिया का एक प्रमुख ड्रोन शक्ति बन चुका है, जिससे इजरायल को और भी चिंता हो रही है.
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