किस मिसाइल सिस्टम से अमेरिका में मचा हड़कंप? रूस ने उत्तर कोरिया को सौंपा, अब बरसेगी 'मौत'!

    रूस ने पिछले साल के अंत से उत्तर कोरिया को वायु रक्षा प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण और अन्य सैन्य सहायता प्रदान की है.

    missile system caused panic in America Russia North Korea
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दुनिया की नज़रों से दूर, एक नया सैन्य गठबंधन आकार ले रहा है जो वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने पिछले साल के अंत से उत्तर कोरिया को वायु रक्षा प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण और अन्य सैन्य सहायता प्रदान की है. यह सहयोग सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन माना जा रहा है.

    रूस से उत्तर कोरिया को 'पैंटिर' वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति

    रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 से रूस ने उत्तर कोरिया को 'पैंटिर' मोबाइल वायु रक्षा प्रणाली और इसी श्रेणी के अन्य सैन्य वाहनों की आपूर्ति की है. यह खुलासा बहुपक्षीय प्रतिबंध निगरानी दल (MSMT) की पहली रिपोर्ट में हुआ, जिसे दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने संयुक्त रूप से स्थापित किया था, जब रूस के वीटो के चलते यूएन की विशेषज्ञ समिति को भंग कर दिया गया था. अब इस निगरानी दल में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड भी शामिल हो चुके हैं.

    उत्तर कोरिया से रूस को हथियारों की भारी आपूर्ति

    रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि सितंबर 2023 से उत्तर कोरिया ने 20,000 से अधिक कंटेनरों के माध्यम से रूस को भारी मात्रा में सैन्य सामग्री भेजी है. इनमें शामिल हैं:

    • लगभग 9 मिलियन आर्टिलरी राउंड
    • 100 बैलिस्टिक मिसाइलें
    • 200 हैवी आर्टिलरी यूनिट्स
    • एंटी-टैंक मिसाइलें और रॉकेट

    इन शिपमेंट्स से तीन पूर्ण सैन्य ब्रिगेड को हथियारों से लैस किया जा सकता है. हथियारों के ट्रांसफर में IL-76 और AN-124 जैसे रूसी सैन्य परिवहन विमानों का उपयोग किया गया.

    मिसाइल डेटा और सैनिकों की तैनाती

    रूस ने उत्तर कोरिया को मिसाइल गाइडेंस तकनीक और प्रदर्शन डेटा भी मुहैया कराया है, जिससे उत्तर कोरिया की मिसाइल क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इतना ही नहीं, 2024 में उत्तर कोरिया ने रूस को 11,000 से अधिक सैनिक भेजे, जिनमें से हाल ही में 3,000 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है. यह सहयोग उस द्विपक्षीय रक्षा संधि के बाद और तेज़ हुआ है, जिस पर पुतिन और किम जोंग-उन ने जून 2023 में हस्ताक्षर किए थे.

    प्रतिबंधों की खुली अवहेलना

    रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से अक्टूबर 2023 के बीच रूस ने उत्तर कोरिया को 1 मिलियन बैरल से अधिक परिष्कृत ईंधन आपूर्ति की, जबकि यूएन प्रतिबंध इसके लिए सालाना 500,000 बैरल की सीमा तय करते हैं.

    साथ ही, रूस में 8,000 से अधिक उत्तर कोरियाई श्रमिक निर्माण और आईटी जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ है. दोनों देशों के बीच वित्तीय लेन-देन जॉर्जिया के रूस-समर्थित क्षेत्र दक्षिण ओसेशिया में स्थित उत्तर कोरियाई बैंक खातों के जरिए किए जा रहे हैं.

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