नई दिल्ली: अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर नगण्य रहा है. यह खुलासा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) 2025 रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि अमेरिकी टैरिफ भारत की आर्थिक वृद्धि को रोकने में असफल रहे हैं और भारत अगले वित्तीय वर्ष 2025–26 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहेगा.
IMF के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन की विकास दर 4.8 प्रतिशत से deutlich अधिक है. यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि भारत ने घरेलू खपत, निवेश और विनिर्माण गतिविधियों के बल पर टैरिफ के संभावित प्रभाव को संतुलित कर लिया है.
टैरिफ का असर सीमित रहा
अमेरिका द्वारा भारतीय और चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाए जाने के बाद यह आशंका जताई गई थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, IMF रिपोर्ट बताती है कि वास्तविक प्रभाव अपेक्षा से कम गंभीर रहा. घरेलू मांग में मजबूती, निवेश में बढ़ोतरी और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार ने इस झटके को कम कर दिया. IMF ने कहा है, “टैरिफ के प्रभाव अपेक्षा से कम गंभीर रहे, जिसके पीछे लचीली घरेलू मांग और व्यापार विविधीकरण महत्वपूर्ण कारक रहे.”
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निजी निवेश और सेवा क्षेत्र की वृद्धि ने टैरिफ के संभावित नकारात्मक प्रभाव को और कम कर दिया. यह स्थिति भारत को वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता का मजबूत संकेत देती है.
भारत चीन से आगे
IMF के नए अनुमानों के अनुसार, भारत की वृद्धि दर चीन से अधिक रहेगी. चीन के लिए IMF ने 2025–26 में 4.8 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया है, जबकि भारत की दर 6.6 प्रतिशत मानी गई है. रिपोर्ट में भारत की मजबूती का श्रेय घरेलू खपत की स्थिरता, विनिर्माण क्षेत्र में सुधार और सेवा क्षेत्र के विस्तार को दिया गया है.
हालांकि, IMF ने यह भी चेतावनी दी है कि 2026 में भारत की वृद्धि दर थोड़ी धीमी होकर 6.2 प्रतिशत रह सकती है. इसके बावजूद, FY25 में भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी और FY26 के लिए सरकार के अनुमान 6.3–6.8 प्रतिशत के दायरे में बने हुए हैं. यह वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है.
ये भी पढ़ें- फोर्ब्स एशिया की लिस्ट में भारत का दबदबा, 100 स्टार्टअप्स में सबसे ज्यादा 18 भारतीय, देखें लिस्ट