Free Trade Agreement: भारत ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक व्यापार के मोर्चे पर अपनी मौजूदगी को लगातार मजबूत किया है. सरकार की रणनीति रही है कि भारतीय उत्पादों और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक आसान पहुंच मिले और निर्यात को नई रफ्तार दी जा सके. इसी कड़ी में भारत ने हाल ही में ओमान के साथ कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारत के ट्रेड एग्रीमेंट की कुल संख्या बढ़कर 17 हो गई है.
यह समझौते न सिर्फ भारतीय निर्यातकों को शुल्क में राहत देते हैं, बल्कि भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
दिसंबर 2025 तक भारत के कुल 17 ट्रेड एग्रीमेंट
दिसंबर 2025 तक भारत ने विभिन्न देशों और क्षेत्रीय समूहों के साथ कुल 17 व्यापार समझौते किए हैं. इनमें-
इन समझौतों के जरिए भारत को दुनिया के बड़े बाजारों में प्रेफरेंशियल या ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलता है. इससे भारतीय निर्यातकों की लागत घटती है और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ती है.
ओमान बना भारत का 17वां ट्रेड पार्टनर
दिसंबर 2025 में साइन हुआ भारत-ओमान CEPA भारत के लिए एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है. यह खाड़ी क्षेत्र में यूएई के बाद भारत का दूसरा बड़ा व्यापार समझौता है.
इस समझौते के तहत लगभग 98 प्रतिशत भारतीय वस्तुओं को ओमान में शून्य शुल्क (जीरो ड्यूटी) पर प्रवेश मिलेगा. इससे खासतौर पर कृषि उत्पाद, मैन्युफैक्चरिंग गुड्स और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
किन देशों के साथ भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हैं?
भारत के फ्री ट्रेड और कॉम्प्रिहेंसिव ट्रेड समझौते दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को कवर करते हैं. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
यूनाइटेड किंगडम – 2025 में साइन हुआ कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट, जिसके तहत करीब 99% भारतीय निर्यात को ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिला
ऑस्ट्रेलिया – ECTA
जापान – CEPA
दक्षिण कोरिया – CEPA
संयुक्त अरब अमीरात – CEPA
मॉरीशस – CECPA
इन समझौतों ने भारत को विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं दोनों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने में मदद की है.
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी मजबूत पकड़
एशियाई क्षेत्र में भी भारत के ट्रेड एग्रीमेंट अहम भूमिका निभा रहे हैं.
इन समझौतों के जरिए भारत को आसियान क्षेत्र में निर्यात के नए अवसर मिले हैं और क्षेत्रीय व्यापार को मजबूती मिली है.
अर्थव्यवस्था को कैसे फायदा पहुंचाते हैं ये समझौते?
भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का मुख्य उद्देश्य भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क को कम या पूरी तरह खत्म करना है. इससे-
जैसे सेक्टरों को सबसे अधिक लाभ होता है.
इसके अलावा, कई समझौतों में ऐसे प्रावधान भी शामिल हैं जो भारतीय पेशेवरों खासतौर पर आईटी, हेल्थकेयर और इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लिए विदेश में काम करना आसान बनाते हैं. साथ ही, ये एग्रीमेंट विदेशी निवेशकों को कानूनी सुरक्षा और स्थिरता का भरोसा देकर FDI को भी प्रोत्साहित करते हैं.
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू युवक की हत्या, भीड़ ने पेड़ से टांगकर जलाया, भारत की एडवाइजरी जारी