नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते पश्चिम बंगाल और असम के दौरे पर जाने वाले हैं, जहां वे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. इन राज्यों में विकास और कनेक्टिविटी के लिए किए जा रहे इन प्रोजेक्ट्स का सीधा असर स्थानीय निवासियों पर पड़ेगा. पीएम मोदी का यह दौरा विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पश्चिम बंगाल में हो रहे SIR प्रक्रिया और आगामी विधानसभा चुनावों के बीच राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है.
पश्चिम बंगाल में PM मोदी का ऐतिहासिक दौरा
प्रधानमंत्री मोदी 20 दिसंबर को पश्चिम बंगाल पहुंच रहे हैं, जहां वे करीब 3,200 करोड़ रुपये की नेशनल हाईवे परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. खासकर, नादिया जिले में NH-34 के बाराजगुली-कृष्णनगर सेक्शन का 66.7 किलोमीटर लंबा 4-लेनिंग प्रोजेक्ट, जो कोलकाता और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग बनेगा. इसके साथ ही, पीएम मोदी उत्तर 24 परगना जिले में भी 17.6 किलोमीटर लंबे बारासात-बाराजगुली सेक्शन का शिलान्यास करेंगे. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ताहेरपुर के नेताजी पार्क ग्राउंड में एक बैठक को संबोधित करेंगे. यहां पर उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान एक जनसभा भी आयोजित की है, जिसमें स्थानीय लोगों से सीधा संवाद करेंगे.
नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन
पश्चिम बंगाल के बाद, पीएम मोदी असम का दौरा करेंगे, जहां वे लगभग 15,600 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. उनका पहला प्रमुख कार्य गुवाहाटी में गोपीनाथ बारदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करना होगा. यह बिल्डिंग 1.4 लाख स्क्वायर मीटर में फैली है और इसे हर साल 1.3 करोड़ पैसेंजर्स को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है. नई टर्मिनल बिल्डिंग की खास बात यह है कि इसे असम की बायोडायवर्सिटी और कल्चरल हेरिटेज से प्रेरित बेम्बू ऑर्किड्स थीम पर बनाया गया है. इस टर्मिनल का उद्घाटन गुवाहाटी की यात्रा के दौरान पीएम मोदी करेंगे, जहां वे स्थानीय लोगों से भी संवाद करेंगे.
शहीदों को श्रद्धांजलि और असम के उद्योगों को नई दिशा
21 दिसंबर को पीएम मोदी गुवाहाटी के बोरागांव में स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद, वे डिब्रूगढ़ जाएंगे, जहां वे नामरूप में असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड के अमोनिया-यूरिया प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करेंगे. इस परियोजना से असम और आसपास के राज्यों में फर्टिलाइज़र की जरूरतें पूरी होंगी और आयात पर निर्भरता कम होगी. इस प्रोजेक्ट का कुल निवेश 10,600 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, और यह असम की कृषि अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान करेगा.
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