Indo-Bangladesh Border Alert: भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, ने 19 दिसंबर 2025 को त्रिपुरा के दक्षिणी जिले में स्थित बेलोनिया बॉर्डर आउटपोस्ट का दौरा किया. इस दौरे के दौरान उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्थाओं, निगरानी प्रणाली और सैन्य तैयारियों का व्यापक अवलोकन किया. उनके साथ स्पीयर कोर के जीओसी, लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस पेंधारकर, सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
इस दौरे का मकसद केवल सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेना ही नहीं था, बल्कि सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारी और मनोबल को भी बढ़ावा देना था. लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने जवानों की कठोर प्रशिक्षण क्षमता और उच्च स्तर की तत्परता की सराहना की, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सेना का भरोसा और मजबूत हुआ.
Lt Gen RC Tiwari, #ArmyCdrEC, alongwith Senior Military Officers, visited the Company Operating Base of #AssamRifles and #BSF under #SpearCorps at #Parva, #Mizoram, to review the security situation along the Indo-Bangladesh Border. #ArmyCdrEC lauded the #AssamRifles and #BSF… pic.twitter.com/0DyOWyeE3S
— EasternCommand_IA (@easterncomd) December 19, 2025
बांग्लादेश में अस्थिरता और सुरक्षा की जरूरत
त्रिपुरा और बांग्लादेश की साझा सीमा पर हालिया घटनाओं ने सुरक्षा के महत्व को और बढ़ा दिया है. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाई गई है. शेख हसीना सरकार के बाद वहां अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों और सामाजिक अराजकता की खबरों के मद्देनजर भारतीय सेना ने सीमा पर सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया है.
पूर्वी कमान ने इसी कड़ी में मिजोरम के परवा क्षेत्र में असम राइफल्स और बीएसएफ के बेस का भी दौरा किया, जहां जवानों की ऑपरेशनल तैयारियों और समर्पण की समीक्षा की गई. इस दौरे का उद्देश्य जवानों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार करना था.
त्रिपुरा-बांग्लादेश सीमा की चुनौतियां
त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ लगभग 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जो राज्य के तीनों तरफ फैली हुई है. इस सीमा का एक बड़ा हिस्सा अभी भी बिना बाड़ के है, जिससे घुसपैठ, तस्करी और सीमा पार अपराधों का खतरा बना रहता है. भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल इस चुनौती से निपटने के लिए लगातार अपनी रणनीतियों को अपडेट कर रहे हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने इस दौरे के दौरान सभी सुरक्षा उपायों की समीक्षा की और जवानों को निर्देश दिए कि वे हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहें. यह कदम स्पष्ट रूप से यह संदेश देता है कि भारतीय सेना न केवल सतर्क है, बल्कि किसी भी प्रकार की चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम है.
सैनिकों का मनोबल और राज्य सरकार की भूमिका
जवानों के मनोबल को ऊंचा करने के लिए इस दौरे को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया. लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने जवानों की तत्परता की सराहना की, जिससे उनके आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना में इजाफा हुआ. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी बताया कि केंद्र सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और राज्य सरकार नियमित रूप से रिपोर्ट भेज रही है.
इस दौरे का महत्व न केवल सैनिकों के मनोबल और तैयारी में है, बल्कि यह बाहरी दुनिया को भी यह संदेश देता है कि भारतीय सेना सीमा सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग और सक्षम है. भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए सैनिक पूरी तरह तैयार हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें- उर्वशी रौतेला, सोनू सूद और युवराज सिंह पर ED का बड़ा एक्शन, 1x बेटिंग ऐप केस में करोड़ों की संपत्ति अटैच