नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘सुदर्शन चक्र’ परियोजना के तहत प्रस्तावित नेशनल डिफेंस शील्ड आने वाले वर्षों में देश की रणनीतिक और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी. यह महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस वर्ष 15 अगस्त को देश के नाम संबोधन के दौरान घोषित की गई थी.
गुरुवार को एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की रक्षा नीति अब केवल वर्तमान जरूरतों तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है. उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि स्वदेशी जेट इंजन का विकास अब केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मिशन बन चुका है, और सरकार इसे हर हाल में सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
आधुनिक युद्ध सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज का युद्ध केवल पारंपरिक हथियारों की ताकत पर निर्भर नहीं रहा है. मॉडर्न वॉरफेयर अब आइडिया, टेक्नोलॉजी और तेजी से बदलते हालात के अनुरूप ढलने की क्षमता का युद्ध बन चुका है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वही देश सैन्य रूप से मजबूत माने जाएंगे, जो नई तकनीकों को तेजी से अपनाने में सक्षम होंगे.
उन्होंने साइबर वॉरफेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित हवाई वाहन (UAV), सैटेलाइट आधारित निगरानी और स्पेस-एनेब्ल्ड क्षमताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में बढ़त पूरे युद्ध क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है.
आधुनिक युद्ध में तीन मूलभूत जरूरतें
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रिसिजन-गाइडेड वेपन, रियल-टाइम इंटेलिजेंस और डेटा-ड्रिवन डिसिजन मेकिंग अब किसी भी देश के लिए विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आज के संघर्षों में जीत उन्हीं देशों को मिलती है, जो इन तीनों क्षेत्रों में मजबूत होते हैं.
राजनाथ सिंह के मुताबिक, टेक्नोलॉजी, रणनीतिक दृष्टि और अनुकूलन क्षमता की तिकड़ी ही भविष्य में वैश्विक नेतृत्व की दिशा तय करेगी. जो देश इन तीनों में महारत हासिल करेगा, वही अंतरराष्ट्रीय मंच पर निर्णायक भूमिका निभा पाएगा.
स्वदेशी जेट इंजन पर सरकार का फोकस
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने स्वदेशी जेट इंजन के विकास को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का अहम स्तंभ बताया. उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारतीय वायु सेना के लिए दीर्घकालिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है और इससे विदेशी निर्भरता कम होगी. सरकार, डीआरडीओ और निजी क्षेत्र के सहयोग से इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
हवाई ताकत से मिलता है रणनीतिक संदेश
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत ने हाई-इम्पैक्ट और शॉर्ट-ड्यूरेशन मिशनों के जरिए एयर पावर की प्रभावशीलता को साबित किया है. उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में वायु शक्ति निर्णायक भूमिका निभाती है और यह किसी भी राजनीतिक या सैन्य नेतृत्व को दुश्मन तक स्पष्ट रणनीतिक संदेश पहुंचाने में सक्षम बनाती है.
राजनाथ सिंह ने भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ करते हुए कहा कि हवाई ताकत यह भरोसा देती है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए भारत हर आवश्यक कदम उठाने में सक्षम है.
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