भारत के मिलिट्री अधिकारियों ने चीन और पाकिस्तान के बीच छुपे हुए रिश्तों का खुलकर सामना किया है. जो बातें पहले छुपी हुई थीं, अब वे पूरी तरह सामने आ गई हैं. सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि चीन पाकिस्तान को एक तरह की 'लाइव वेपन लैब' के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. यह न केवल एक गंभीर आरोप है, बल्कि भारत की सुरक्षा रणनीति के लिहाज से भी बेहद अहम खुलासा माना जा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह, जो सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ (कैपेबिलिटी डेवलपमेंट एंड सस्टेनेंस) हैं, ने हाल ही में एक कार्यक्रम में चीन-पाक के रिश्तों की असलियत बताई. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन की हर तरह की मदद मिली. पाकिस्तान के लगभग 81 प्रतिशत सैन्य उपकरण चीनी तकनीक पर आधारित हैं. चीन अपने हथियारों की जांच-परख के लिए पाकिस्तान को प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. इसके अलावा तुर्की भी पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सैन्य सहायता दे रहा है.
#WATCH | Delhi: At the event 'New Age Military Technologies' organised by FICCI, Deputy Chief of Army Staff (Capability Development & Sustenance), Lt Gen Rahul R Singh says, "Air defence and how it panned out during the entire operation was important... This time, our population… pic.twitter.com/uF2uXo7yJm
— ANI (@ANI) July 4, 2025
ऑपरेशन सिंदूर से मिले सीख और भविष्य की चुनौतियां
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिली चुनौतियों और सीख पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इस बार भारतीय सेना को एयर डिफेंस की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें पाकिस्तान और चीन दोनों शामिल थे. पाकिस्तान ने जहां सीधे मोर्चा संभाला, वहीं चीन ने छुपकर उसकी मदद की. इसलिए अब भारतीय सेना को एक मजबूत और प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है.
उन्होंने आगे बताया कि इस ऑपरेशन में 21 संभावित लक्ष्यों की पहचान की गई थी, जिनमें से 9 पर हमला करने का निर्णय अंतिम समय पर लिया गया. यह निर्णय भारी तकनीकी डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लिया गया था, जो सेना की रणनीति को और भी सटीक बनाता है.
ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान में मचाई तबाही
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल एक निर्णायक हथियार साबित हुआ. इसकी सटीकता, 1500 किलोमीटर की मारक क्षमता और ध्वनि से तीन गुना तेज गति ने पाकिस्तान को भारी झटका दिया. पाकिस्तानी रक्षा सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने भी स्वीकार किया कि ब्रह्मोस मिसाइल के हमले से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ और नूर खान एयर बेस तबाह हो गया. इस मिसाइल की उन्नत तकनीक ने पाकिस्तान को युद्धविराम की मांग करने पर मजबूर कर दिया.
रणनीतिक संदेश और आगे की तैयारी
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने साफ कहा कि भारत ने अबतक की गलतियों से सबक लिया है और भविष्य में अधिक सतर्क और तैयार रहेगा. टॉप लीडरशिप ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी. आने वाले समय में भारतीय सेना अपनी तकनीकी क्षमताओं और रणनीति को और मजबूत करेगी, ताकि किसी भी दुश्मन को आगे बढ़ने का मौका न मिले.
ये भी पढ़ेंः बिहार में फिर गूंजेगी पीएम मोदी की आवाज, 18 जुलाई को विशाल जनसभा; जानिए किस जिले में शुरू हुईं तैयारियां