मॉस्कोः 5 जून की रात यूक्रेन के लिए सिर्फ एक और युद्धपूर्ण रात नहीं थी—यह वो समय था जब कज़ाकिस्तान के आसमान में एक रहस्यमय, चमकदार आग का गोला दिखा और कुछ ही घंटों में खबरें सामने आने लगीं कि यह रूस की खतरनाक ओरेश्निक मिसाइल थी. इस मिसाइल के नाम मात्र से यूक्रेन और पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ जाती है, और इसकी मौजूदगी का मतलब होता है विनाश का नया संकेत.
क्या है ओरेश्निक मिसाइल, जिससे कांपते हैं दुश्मन?
रूस की यह हाइपरसोनिक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल—ओरेश्निक (Oreshnik)—उसकी कुख्यात RS-26 ‘Rubezh’ मिसाइल का उन्नत और संशोधित संस्करण है. इसे रूस के मॉस्को इंस्टीट्यूट फॉर थर्मल टेक्नोलॉजी और सोज़वेदज़दी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. खास बात ये है कि यह मिसाइल न केवल न्यूक्लियर वॉरहेड, बल्कि नॉन-न्यूक्लियर वॉरहेड भी ले जाने में सक्षम है.
इसकी रफ्तार करीब मैक 11 (12,300 किमी/घंटा) है, जो इसे पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम जैसे अमेरिका के THAAD और Patriot को भी मात देने योग्य बनाती है. इसकी हाई-आर्क ट्रैजेक्टरी और वॉरहेड की दिशा बदलने की क्षमता इसे और खतरनाक बना देती है.
पहला हमला और प्रभाव
रूस ने पहली बार ओरेश्निक का इस्तेमाल 21 नवंबर 2024 को यूक्रेन के ड्निप्रो शहर में मौजूद एक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को निशाना बनाकर किया था. यह हमला तब हुआ था जब यूक्रेन ने रूस पर ATACMS और स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया था. ओरेश्निक की सटीकता और गति ने उस वक्त भी दुनिया को हैरान कर दिया था.
ओरेश्निक और ब्रह्मोस मिसाइल की तुलना:
रेंज (Range):
गति (Speed):
लॉन्च प्लेटफॉर्म (Launch System):
वॉरहेड क्षमता (Warhead Capability):
तकनीक (Technology):
क्या कहता है यूक्रेन और पश्चिम?
यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों का कहना है कि वे इस नई चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहे हैं. हालांकि सैन्य विशेषज्ञों की मानें तो ओरेश्निक जैसी मिसाइल को रोकना पारंपरिक साधनों से लगभग असंभव है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही इस मिसाइल के बड़े पैमाने पर उत्पादन का आदेश दे चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में इसका इस्तेमाल और बढ़ सकता है.
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