वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर जहां दुनिया में शांति और स्थिरता की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार ने अब तक के सबसे ताकतवर फाइटर जेट F-47 के निर्माण की मंजूरी दे दी है. इस जेट का ठेका अमेरिका की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी बोइंग को दिया गया है. यह नया विमान अमेरिकी वायुसेना के मौजूदा F-22 रैप्टर की जगह लेगा और इसमें अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा. ट्रंप प्रशासन का यह कदम यह साफ दर्शाता है कि अमेरिका अपनी हवाई युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूत करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है.
बोइंग को मिला महत्वपूर्ण रक्षा सौदा
व्हाइट हाउस में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने घोषणा की कि 'नेक्स्ट जनरेशन एयर डॉमिनेंस' (NGAD) प्रोग्राम के तहत F-47 जेट का निर्माण बोइंग को सौंपा गया है. इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य F-22 स्टील्थ फाइटर जेट को प्रतिस्थापित करने के लिए एक अत्यधिक शक्तिशाली और आधुनिक लड़ाकू विमान तैयार करना है. नया विमान ड्रोन के साथ भी समन्वय करके काम कर सकेगा, जो अमेरिका की हवाई युद्ध रणनीति को और मजबूत करेगा. हालांकि, ट्रंप ने इस प्रोजेक्ट की कुल लागत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी और सुरक्षा कारणों से इसे गुप्त रखा.
अमेरिका का रक्षा बजट और बढ़ोतरी
अमेरिका लंबे समय से अपने सैन्य खर्चों को नियंत्रित करने की बात कर रहा था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे और बढ़ावा दिया है. 2024 में इस प्रोजेक्ट को कुछ कारणों से रोक दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है. अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के तहत बने प्रत्येक विमान की कीमत 300 मिलियन डॉलर तक हो सकती है, जो वायुसेना के अन्य विमानों से कहीं अधिक महंगा है. ट्रंप प्रशासन ने इस परियोजना को फिर से शुरू करने से पहले एक अध्ययन किया था, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि अमेरिका को भविष्य में हवाई युद्ध में अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना जरूरी है.
बोइंग के लिए राहत
बोइंग के लिए यह रक्षा सौदा किसी संजीवनी से कम नहीं है, क्योंकि पिछले साल कंपनी को हड़ताल और सुरक्षा समस्याओं के कारण
भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इस प्रोजेक्ट के मिलने से बोइंग को आर्थिक मजबूती मिलेगी और अमेरिकी रक्षा क्षेत्र में उसकी स्थिति और मजबूत होगी. F-47 जेट के विकास से नई नौकरियों का सृजन होगा और देश में रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा.
F-47 फाइटर जेट की विशेषताएं
F-47 फाइटर जेट को सुपरक्रूज तकनीक के साथ तैयार किया जाएगा, जिससे यह बिना आफ्टरबर्नर के भी सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकेगा. इसके अलावा, इसमें स्टील्थ तकनीक को और बेहतर किया जाएगा, जिससे यह दुश्मन के राडार सिस्टम को चकमा देने में सक्षम होगा. यह विमान भविष्य के हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन स्क्वाड्रन के साथ भी समन्वय में काम कर सकेगा. अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ इसे हवाई युद्धक्षेत्र में एक गेम-चेंजर मान रहे हैं.
शांति की बात, लेकिन वास्तविकता कुछ और?
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया था, लेकिन इस नए फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. अमेरिका द्वारा इतना महंगा और उन्नत लड़ाकू विमान बनाने का निर्णय यह संकेत देता है कि वह किसी भी संभावित खतरे के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर रहा है. इस फैसले से सवाल उठता है कि जब अमेरिका अन्य देशों से सैन्य खर्चों में कटौती करने की अपील करता है, तो खुद वह इतना बड़ा रक्षा सौदा क्यों कर रहा है?
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