अबू धाबी: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच रक्षा सहयोग एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है. भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुबई के क्राउन प्रिंस और यूएई के उप प्रधानमंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात के दौरान यूएई को आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली देने का प्रस्ताव रखा. यह पेशकश ऐसे समय में की गई है जब यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों से यूएई को बढ़ता खतरा महसूस हो रहा है.
आकाश मिसाइल प्रणाली
स्वदेशी रूप से विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने तैयार किया है. यह मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (SAM) प्रणाली है, जो 25 किलोमीटर तक के हवाई खतरों को बेअसर कर सकती है. यह सिस्टम फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी गति मैक 2.5 तक पहुंच सकती है और यह 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.
हूती विद्रोहियों का बढ़ता प्रभाव
यमन के हूती विद्रोही पिछले एक वर्ष से लाल सागर में जहाजों के लिए एक गंभीर खतरा बने हुए हैं. 15 मार्च से अमेरिकी सेना लगातार हूतियों के ठिकानों को निशाना बना रही है, लेकिन अब तक विद्रोही कमजोर पड़ते नहीं दिख रहे हैं. इन विद्रोहियों ने अमेरिकी नौसेना और इज़राइल तक को अपने हमलों का निशाना बनाया है. सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो हूती अब यूएई पर भी हमला करने की योजना बना सकते हैं, और उनकी वर्तमान क्षमताओं को देखते हुए यह असंभव नहीं लगता.
यूएई पर हुआ था हमला
पहले भी हूती विद्रोही अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर चुके हैं. 17 जनवरी 2022 को उन्होंने ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करते हुए यूएई पर एक बड़ा हमला किया था. यह यूएई के इतिहास में सबसे गंभीर हमलों में से एक था. हालांकि, यूएई की वायु रक्षा प्रणाली ने इसे नाकाम कर दिया था, लेकिन इस घटना ने देश की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं.
हूती खतरे से निपटने की रणनीति
2015 के यमन संघर्ष के दौरान, यूएई ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन किया था, जिसने हूतियों के खिलाफ अभियान चलाया. हालांकि, यह गठबंधन हूतियों को राजधानी सना पर कब्जा करने से रोकने में असफल रहा. वर्तमान में, हूती विद्रोही यमन की सीमाओं से बाहर भी सक्रिय हो गए हैं और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं.
हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमताएं
हूती विद्रोहियों को ईरान से उन्नत ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें प्राप्त हुई हैं, जो यूएई तक पहुंचने में सक्षम हैं. इससे यूएई की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में, मध्यम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता पहले से अधिक महसूस की जा रही है. भारत द्वारा प्रस्तावित आकाश मिसाइल प्रणाली इस चुनौती से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
भारत-यूएई रक्षा सहयोग का भविष्य
यूएई और भारत के बीच रक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है. इससे पहले, भारत ने आर्मेनिया को भी आकाश मिसाइल प्रणाली का निर्यात किया था. यह प्रस्ताव भारत की वैश्विक रक्षा निर्यात नीति का हिस्सा है, जिससे मित्र देशों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी. यदि यूएई इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो यह भारत-यूएई रक्षा साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है.
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