काम करो नहीं तो रिटायर हो जाओ, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने क्यों अपने कार्यकर्ताओं से कही ऐसी बात?

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में हुई AICC बैठक में पार्टी नेताओं को एक सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है और जो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए. लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी खरगे की बातों पर अमल कर पाएगी?

    काम करो नहीं तो रिटायर हो जाओ, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने क्यों अपने कार्यकर्ताओं से कही ऐसी बात?
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    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में हुई AICC बैठक में पार्टी नेताओं को एक सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है और जो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए. लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी खरगे की बातों पर अमल कर पाएगी?

    कार्यकर्ताओं को चेतावनी
    खरगे ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा, "जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते, उन्हें आराम करने की आवश्यकता है. जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए." यह बयान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए एक कड़ी चेतावनी है, लेकिन पार्टी के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या इस पर सचमुच अमल होगा?

    हार का सिलसिला
    2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस लगातार हार रही है. हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, इन हारों के लिए जिम्मेदारी तय नहीं की गई. पूर्व कांग्रेसी नेता संजय झा का कहना है कि जब तक पार्टी के ऊपरी स्तर पर जवाबदेही नहीं होगी, तब तक कार्यकर्ताओं का विश्वास नहीं जीता जा सकता. उन्होंने कहा, “हर चुनाव में सामान्य कार्यकर्ता मेहनत करते हैं, लेकिन हार के बाद किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता.”

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    क्षेत्रीय नेताओं का दबदबा
    कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ और हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भरोसा किया, लेकिन इन दोनों राज्यों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. कमलनाथ ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से सहयोग को नजरअंदाज किया, जबकि हरियाणा में हार के बाद भी हुड्डा का दबदबा बरकरार है.

    जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर चर्चा
    कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में उनका महत्वपूर्ण रोल होगा. उन्होंने कहा, “हमने देश भर से जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें बुलाईं और राहुल जी के साथ हमने उनसे बात की. हमें जानकारी मिली और अब हम भविष्य में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करेंगे.” इस तरह, खरगे ने पार्टी में सुधार की दिशा में एक अहम कदम उठाने की बात की, लेकिन अब यह देखना होगा कि ये सुधार कैसे और कब लागू होते हैं.