फिलीपींस, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक संयुक्त समुद्री सैन्य अभ्यास किया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अभ्यास शुक्रवार को क्षेत्र में बढ़ते खतरों और चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच आयोजित किया गया. यह बहुपक्षीय समुद्री सहयोग (MCA) गतिविधि इस तरह से आयोजित की गई कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप हो और सभी देशों की सुरक्षा, नौवहन अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करती हो.
क्या है इसका लक्ष्य?
अमेरिकी नौसेना ने एक बयान में कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर समुद्र में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता, साथ ही अन्य अंतरराष्ट्रीय रूप से वैध उपयोग के अधिकार का समर्थन करता है. फिलीपींस की सरकारी समाचार एजेंसी पीएनए के अनुसार, फिलीपींस की सशस्त्र सेनाओं (एएफपी) ने कहा कि इस बहुपक्षीय MCA ने समन्वय, रणनीति और समुद्री जागरूकता में महत्वपूर्ण सुधारों को उजागर किया है.
चीन की खतरनाक गतिविधियों की आलोचना
जापान के दूतावास ने एक बयान में कहा कि "समान विचारधारा वाले भागीदारों" के साथ सहयोग करके, जापान रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और समुद्र के मुक्त और खुले उपयोग की सुरक्षा में अपना योगदान बढ़ाएगा. फरवरी में, फिलीपींस तटरक्षक बल ने चीन की नौसेना के एक हेलीकॉप्टर द्वारा दक्षिण चीन सागर में विवादित स्कारबोरो शोल पर किए गए 'खतरनाक' युद्धाभ्यास की निंदा की थी. इस हेलीकॉप्टर ने पत्रकारों के एक समूह को ले जा रही सर्विलांस फ्लाइट के तीन मीटर (10 फीट) के भीतर उड़ान भरी थी.
पिछले साल दिसंबर में, टोक्यो में आयोजित जापान-अमेरिका-फिलीपींस समुद्री वार्ता के दौरान तीनों देशों के नेताओं ने प्रशांत महासागर से जुड़े समुद्री राष्ट्रों के रूप में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया था. हाल ही में, ग्रुप ऑफ 7 (G7) देशों के विदेश मंत्रियों ने कनाडा के क्यूबेक में अपनी बैठक के दौरान दक्षिण चीन सागर में चीन की खतरनाक गतिविधियों की आलोचना की थी. उन्होंने चीन के 'सैन्यीकरण और जबरदस्ती' की निंदा की.
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