भारतीय नौसेना ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है. अरब सागर के बीच तैनात नौसेना के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद ने एक पाकिस्तानी मछुआरे की जान बचाकर दुनिया भर में सराहना बटोरी है. यह घटना ओमान तट के पास की है, जब भारतीय नौसेना को संकट का संदेश मिला और उन्होंने तुरंत मदद के लिए कदम उठाए.
कैसे मिली संकट की सूचना?
आईएनएस त्रिकंद, जो एक स्टील्थ फ्रिगेट है, अपने नियमित मिशन पर तैनात था. शुक्रवार को ईरानी नौका अल ओमीदी से आपातकालीन संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि एक पाकिस्तानी मछुआरा गंभीर रूप से घायल हो गया है. यह संदेश ओमान तट से 350 समुद्री मील पूर्व में भेजा गया था. भारतीय नौसेना ने बिना समय गंवाए राहत अभियान शुरू किया और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए आगे बढ़ी.
घायल मछुआरे की हालत
जांच में पता चला कि मछुआरा इंजन पर काम करते समय गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसकी उंगलियां बुरी तरह जख्मी हो गई थीं और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी हालत बिगड़ रही थी. उसे पास की नौका एफवी अब्दुल रहमान हंजिया में स्थानांतरित किया गया था, जो ईरान की ओर जा रही थी.
भारतीय नौसेना की त्वरित कार्रवाई
मदद का संदेश मिलते ही आईएनएस त्रिकंद ने अपना रास्ता बदला और तेजी से उस स्थान की ओर बढ़ा. नौसेना के मेडिकल ऑफिसर, मार्कोस (मरीन कमांडो) और जहाज की बोर्डिंग टीम ने तुरंत घायल मछुआरे का उपचार शुरू किया.
कौन थे मछुआरे और कहां से आए थे?
एफवी अब्दुल रहमान हंजिया के चालक दल में 11 पाकिस्तानी नागरिक (जिनमें से 9 बलूचिस्तान और 2 सिंध प्रांत से थे) और 5 ईरानी नागरिक शामिल थे. घायल मछुआरा बलूचिस्तान का निवासी था. उसकी हड्डी टूट गई थी और हाथ में गंभीर चोट के कारण भारी रक्तस्राव हो रहा था.
भारतीय नौसेना का मानवीय संदेश
भारतीय नौसेना के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है. न केवल यह भारत की रक्षा शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय नौसेना मानवीय सहायता और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्ध है. भारतीय नौसेना के इस अद्वितीय प्रयास ने यह संदेश दिया है कि मानवता की सेवा किसी भी सीमा से परे होती है.
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