केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे के दूसरे दिन LoC और कठुआ की BSF चौकी का निरीक्षण करेंगे. इस दौरान वे सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और अधिकारियों से मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे.
कठुआ में एंटी-टेरर ऑपरेशन का जायजा
कठुआ में 23 मार्च से जारी आतंकवाद विरोधी अभियान में अब तक दो आतंकियों को मार गिराया गया है, लेकिन इसमें चार पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं. अमित शाह इस अभियान की समीक्षा करेंगे और शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.
पहले दिन की प्रमुख गतिविधियां
अपने दौरे के पहले दिन (6 अप्रैल) अमित शाह ने भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की गई.
शाम को जम्मू पहुंचने पर राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया.
भाजपा नेताओं के साथ रणनीतिक चर्चा
भाजपा नेता सुनील शर्मा के अनुसार, इस बैठक में वक्फ एक्ट को लेकर मुस्लिम समाज में फैलाई जा रही भ्रांतियों, नशे की तस्करी, सुरक्षा मुद्दों और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रचार का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार की गई.
तीसरे दिन विकास परियोजनाओं की समीक्षा
8 अप्रैल को अमित शाह जम्मू-कश्मीर में जारी विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा, राज्य की सुरक्षा स्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी होगी. इसके बाद वे श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
राज्यसभा में अमित शाह के बयान
19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान अमित शाह ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थीं, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 2,242 रह गई. उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में नागरिकों की हत्याओं में 81% की कमी आई है, जबकि सुरक्षा बलों की शहादत में 50% की गिरावट दर्ज की गई है. पत्थरबाजी की घटनाओं पर भी पूरी तरह रोक लगी है.
कश्मीर में बदलाव की नई इबारत
गृहमंत्री शाह ने कहा कि 2004 में 1,587 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर मात्र 85 रह गई है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर में लोकतंत्र की नई नींव रखी गई है.
उन्होंने यह भी कहा कि 33 वर्षों तक विपक्षी दलों के शासन में जम्मू-कश्मीर में सिनेमाघर तक नहीं खुल सके, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हालात बदले हैं. जी-20 बैठक की सफल मेजबानी के साथ ही कश्मीर में चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए, जहां एक भी गोली नहीं चली.
अमित शाह का यह दौरा न केवल सुरक्षा की समीक्षा बल्कि जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा.
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