पीएम मोदी ने कहा- आज का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है, पहले की सरकार आतंकी हमलों पर चुप रहती थी

    मोदी ने कहा- आर्टिकल 370 की पूजा करने वाले लोगों ने वोटबैंक की राजनीति के लिए अजीब हालात कर दिए थे. संविधान सर पर रखकर घूमने वाले लोग जम्मू-कश्मीर में संविधान लागू नहीं कर पाए. थे.

    पीएम मोदी ने कहा- आज का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है, पहले की सरकार आतंकी हमलों पर चुप रहती थी
    आज लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी | Photo- Sansad TV, @BJP4India

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर अपनी बात रखी है. उन्होंने इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ अपनी सरकार के कड़े कदमों का जिक्र किया और कहा कि आज का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है और पहले की सरकार आतंकी हमले पर चुप रहती थी.

    पीएम मोदी ने कहा, "2014 के पहले आतंकी जब जी चाहे कही भी हमला कर सकते थे. 2014 में सरकारें चुपचचाप बैठी रहती थीं. आज 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुस कर मारता है. सर्जिकल स्ट्राइक करता है और आतंकवाद के आकाओं को भी सबक सिखाने का सामर्थ्य दिखा दिया है." 

    "आज देश का हर नागरिक जानता है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है. आर्टिकल 370 की पूजा करने वाले लोगों ने वोटबैंक की राजनीति के लिए अजीब हालात कर दिए थे. संविधान सर पर रखकर घूमने वाले लोग जम्मू-कश्मीर में संविधान लागू नहीं कर पाए." 

    "आज वहां पत्थरबाजी बंद है, लोग बढ़-चढ़कर भारत और तिंरगे पर भरोसा करते हुए वहां मतदान करने आ रहे हैं. यह साफ दिखता है." 

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    '140 करोड़ भारतीयों में विश्वास ड्राइविंग फोर्स का काम करता है' 

    पीएम ने कहा, "140 करोड़ देशवासियों में विश्वास पैदा होना बड़ी बात है. विश्वास जब जागता है तब वह विकास का ड्राइविंग फोर्स बन जाता है. इस विकास ने ड्राइविंग फोर्स का काम किया है." 

    "यह विश्वास विकसित भारत के संकल्प का विश्वास है. जब आजादी का जंग चल रही थी तब, जो भाव देश में था आज देश के कोटि-कोटि जनता में वो विश्वास पैदा हुआ है. आज विकसित भारत का विश्वास मजबूत हो चुका है."

    मोदी ने कहा- 2014 तक भारत आत्मविश्वास खो चुका था

    वहीं इससे पहले बोलते हुए मोदी ने कहा, "2014 के उन दिनों को याद करेंगे कि हमारे ध्यान में आयगा कि देश का आत्मविश्वास खो चुका था. 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान भुगता था वो था देश का आत्मविश्वास. जब विश्वास और आत्मविश्वास खो जाता है, उस देश का खड़ा होना मुश्किल हो जाता है. उस समय देश के लोगों की जनता यही कहती थी कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता था. यह शब्द पहले सुनाई देते थे. भारतीयों की हताशा के यह शब्द पहचान बन गए थे. उस समय अखबार खोलने पर केवल घोटालों की खबरे मिलती थीं."

    सैंकड़ों करोड़ों के घोटाले, रोज नए घोटाले, घोटालों से घोटालों की स्पर्धा हो रही थी. यह घोटालेबाजी काल खणड था और बेशर्मी के साथ इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया जाता था.

    पीएम मोदी ने कहा, "घोटाले ने देश को निराशा की गर्त में बिखेर दिया था. भाई और भतीजा फैला हुआ था. सामान्य व्यक्ति आशा छोड़ चुका था. अगर कोई सिफारिश वाला नहीं है तो जिंदगी अटक जाएगी ऐसी स्थिति थी. गरीब को घर लेना हो तो हजारों रुपये की रिश्वत देने पड़ती थी. 

    गैस कनेक्शन के लिए मेंबर पार्लियामेंट और सांसदं के यहां अच्छे-अच्छों को चक्कर काटने पड़ते थे. बिना कट लिए गैस कनेक्शन नहीं मिलते थे. 

    मुफ्त राशन को लेकर कहा- हफ्तेभर नहीं मिलता था

    मुफ्त राशन को लेकर पीएम ने कहा कि हफ्ता राशन नहीं मिलता था. उसके लिए भी रिश्वत देना पड़ता था. जनता इतना निराश थी की अपने भाग्य को दोष देकर अपने नसीब को दोष देकर जिंदगी काटने के लिए मजबूर थे.

    प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता ने हमें सेवा का मौका दिया और वो पल देश के परिवर्तित युग का प्रारंभ हो चुका है. मेरी सरकार की अनेक सफलताएं और सिद्धियां हैं. आज देश निराशा की गर्त से निकलकर आशा और विश्वास के साथ खड़ा हुआ. देश आत्मविश्वास बुलंदियों पर पहुंचा है. 

    धीरे-धीरे देश के मन में स्थिर हो गया जो पहले कहते थे कि कुछ नहीं होता अब कहते है कि इस देश में सब कुछ हो सकता है, यह विश्वास जगाने का काम हमने किया. 

    सबसे पहले 5जी रोलआउट कर हमने दिखाया देश गौरव से कहने लगा कि भारत कुछ भी कर सकता है.

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