वीर सावरकर को गाली देने वाले माफी नहीं मांग रहे, महाराष्ट्र के लोग उनके संस्कार जान गए हैं : PM Modi

    मोदी ने कहा- आज वधवन पोर्ट की नींव रखी गई है. यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा. ये देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा. इससे महाराष्ट्र को फायदा होगा.

    वीर सावरकर को गाली देने वाले माफी नहीं मांग रहे, महाराष्ट्र के लोग उनके संस्कार जान गए हैं : PM Modi
    महाराष्ट्र के पालघर में वधवन पोर्ट की नींव रखने के बाद बोलते हुए पीएम मोदी | Photo- @BJP4India के हैंडल से.

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में वीर सावरकर को भारत मां का सपूत बताते हुए उनका अपमान करने को लेकर विपक्ष को अप्रत्यक्ष तौर से निशाने पर लिया. उन्होंने उनका अपमान करने लिए माफी न मांगने पर सवाल उठाया.  

    गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र दौरे पर आरएसएस नेता वीर सावरकर पर तंज कसा था, जिसके बाद से बीजेपी कांग्रेस और उसके साथ गठबंधन में शामिल शिवसेना को निशाने पर लेते हुए इसे मुद्दा बना रही है.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं. वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं. उनको पाश्चाताप नहीं होता है... महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है."

    उन्होंने ये बातें राज्य के पालघर में वधवन बंदरगाह की नींव रखने और विकास कार्यों के शुभारंभ के बाद कही. इस दौरान एनसीपी नेता अजित पवार, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत नेता मौजूद थे.

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी को बताया अराध्य देव

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना तय किया तो मैंने सबसे पहले रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठ कर प्रार्थना की और राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी."   

    "छत्रपति शिवाजी महाराज... मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए वह आराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधु दुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं."

    वह दो दिन पहले दुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा ढहने का जिक्र कर रहे थे. इसे पिछले साल नौसेना दिवस पर स्थापित किया गया था. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस प्रतिमा के ढहने पर राज्य के लोगों से माफी मांगी थी.

    विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का अनिवार्य हिस्सा : मोदी

    प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी ने इस दौरान महाराष्ट्र के विकास के लिए किए कामों को गिनाया. उन्होंने कहा, "आज महाराष्ट्र की प्रगति यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है. आज भारत की प्रगति यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है. विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का एक अनिवार्य हिस्सा है. इसलिए, पिछले 10 सालों में, हमने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए निरंतर बड़े फैसले लिए हैं."

    "महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी है. यहां समुद्र के तट भी है और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है. यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं. इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र और देश को मिले... इसके लिए आज वधवन पोर्ट की नींव रखी गई है. यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा. ये देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा."

    "हमारी सरकार ने दो-तीन दिन पहले ही दिघी बंदरगाह औद्योगिक क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दे दी है. यानि, ये महाराष्ट्र के लोगों के लिए डबल खुशखबरी है. ये छत्रपति शिवाजी के सपनों का भी प्रतीक बनेगा."

    'छत्रपति शिवाजी महाराज ने समुद्री व्यापार को दी थी नई ऊंचाई'

    प्रधानमंत्री ने कहा, "एक समय था, जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था. भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था- भारत की सामुद्रिक सामर्थ्य... हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर और कौन जानेगा? छत्रपति शिवाजी महाराज... उन्होंने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी. उन्होंने नई नीतियां बनाई, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए थे."

    "अब ये भारत, नया भारत है. नया भारत- इतिहास से सबक लेता है... अपने सामर्थ्य को पहचानता है... अपने गौरव को पहचानता है... गुलामी की बेड़ियों के हर निशान को पीछे छोड़ते हुए नया भारत समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा है."

    मोदी ने कहा- भारत दुनिया का सबसे बड़ा मछली उत्पादक बना

    पीएम मोदी ने इस दौरान भारत को दुनिया का सबसे बड़ा मछली उत्पादक बताते हुए कहा, "आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है. 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था, आज करीब-करीब 170 लाख टन मछली का उत्पादन भारत कर रहा है. यानि, सिर्फ 10 साल में आपने मछली का उत्पादन दोगुना कर दिया है. हमारी सरकार मछली उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का भी काम कर रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों महिलाओं को मदद दी गई है."

    "हम तटीय गांवों के विकास पर और ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. आपका सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मच्छीमार सहकारी संस्थाओं को भी मजूबत बनाया जा रहा है. पिछड़ों के लिए काम करना हो या वंचितों को अधिकार देना हो... बीजेपी और एनडीए सरकारों ने पूरे समर्पण भाव और ईमानदारी से काम किया है. अलग जनजातीय मंत्रालय की स्थापना भाजपा व एनडीए सरकार ने ही की थी. हमारी ही सरकार ने मछुआरों के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय भी बनाया."

    नारी शक्ति नई दिशा देने को तैयार, विकसित भारत का आधार : मोदी

    प्रधानमंत्री ने इस दौरान नारी शक्ति को भारत के विकास का बहुत बड़ा आधार बताया.

    उन्होंने कहा, "21वीं सदी की नारी शक्ति समाज को नई दिशा देने को तैयार है. यही नारी शक्ति विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास... ये एनडीए सरकार का मंत्र है."

    "हमारी सरकार निरंतर प्रयासों और प्रयासों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र में समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार मछली उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से, हमने हजारों महिलाओं को सशक्त बनाया है, जिससे वे इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें."

    प्रधानमंत्री ने कहा, तटीय गांवों के विकास पर हो रहा फोकस

    पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम तटीय गांवों के विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मछुआरों की सहकारी समितियों को भी मजबूत किया जा रहा है.

    भाजपा और एनडीए सरकारों ने पिछड़े वर्गों के कल्याण और हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए पूरी लगन और ईमानदारी से काम किया है.

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