'आप कुछ होता देखेंगे', पुतिन से नाराज ट्रंप अब क्या करने वाले हैं, क्या किसी बड़ी तबाही का इशारा कर रहे?

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को रूस को लेकर कड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है.

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    डोनाल्ड ट्रंप | Photo: ANI

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को रूस को लेकर कड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है. यह बयान यूक्रेन के खारकीव शहर में एक मटरनिटी हॉस्पिटल पर रूसी हमले के बाद आया. इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिनमें महिलाएं और नवजात शिशु भी शामिल थे. ट्रंप का गुस्सा इस घटना से झलकता है, जब उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “आप कुछ होता देखेंगे, मैं रूस से नाराज हूं, लेकिन हमें देखना होगा कि अगले कुछ हफ्तों में क्या होता है.” यह बयान उस वक्त आया जब ट्रंप व्हाइट हाउस से हेलीकॉप्टर में सवार होकर टेक्सास में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने जा रहे थे.

    ट्रंप का ‘बड़ा बयान’ और रूस पर दबाव

    इससे पहले, ट्रंप ने संकेत दिए थे कि सोमवार को रूस के खिलाफ ‘एक बड़ा बयान’ देने वाले हैं. यह बयान उस फैसले के बाद आएगा जब पेंटागन ने हथियारों की आपूर्ति को अस्थायी रूप से रोका था. ट्रंप ने NBC न्यूज से बातचीत में कहा, “मैं रूस से निराश हूं, लेकिन फिलहाल मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. सोमवार को मेरा एक बड़ा बयान आएगा.” रूस द्वारा सीजफायर पर सहमति न देने से ट्रंप नाराज हैं. इस बीच, यूक्रेन के एक खुफिया अधिकारी की हत्या की खबर भी सामने आई है, जो स्थिति को और तनावपूर्ण बना रही है.

    अमेरिका का बदलता रुख और रूस के प्रस्ताव

    अमेरिकी प्रशासन अब तक यूक्रेन पर दबाव डालता रहा है कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए कुछ रियायतें दे, लेकिन रूस की हठ के कारण अब अमेरिका के तेवर बदलने लगे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मलेशिया में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की थी और कहा कि रूस ने एक नया प्रस्ताव रखा है, जिसे वे ट्रंप तक पहुंचाएंगे. हालांकि, इस प्रस्ताव के बारे में और जानकारी नहीं दी गई, लेकिन यह जरूर संकेत दिया गया कि अमेरिका का रूस के प्रति रुख अब नई दिशा में जा सकता है.

    यूक्रेन में अमेरिकी जासूसी विमान की गतिविधियां

    रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच अमेरिकी वायुसेना का एक जासूसी विमान RC-135V ‘रिवेट जॉइंट’ यूरोप में फिर से सक्रिय हो गया है. यह विमान ब्रिटेन से उड़ान भरते हुए फिनलैंड की ओर रवाना हुआ और फिर बाल्टिक देशों एस्तोनिया, लातविया और लिथुआनिया से होते हुए रूस के कलिनिनग्राद क्षेत्र के पास से गुजरा. यह वही क्षेत्र है, जो पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थित है और नाटो की निगरानी में रहता है.

    रूस की रणनीति में बदलाव

    यूक्रेनी सेना का मानना है कि अब रूस की रणनीति बदल चुकी है. पहले रूस के शहीद ड्रोन केवल कीव, ओडेसा और मिकोलाइव जैसे शहरों को निशाना बनाते थे, लेकिन अब उनका इस्तेमाल पश्चिमी यूक्रेन के शहरों को डराने के लिए किया जा रहा है. 9 जुलाई को रूस ने 728 शहीद-टाइप ड्रोन पूरे यूक्रेन में छोड़े थे, जिससे यह साफ है कि रूस की रणनीति अब व्यापक हो गई है.

    रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग

    इस बीच, रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग भी गहरा होता जा रहा है. बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उत्तर कोरिया का तीन दिवसीय दौरा किया. यह दौरा विशेष रूप से वॉनसन रिसॉर्ट में हो रहा है, जिसे उत्तर कोरिया रूसियों के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहता है. हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि असल उद्देश्य रूस के युद्ध प्रयासों के लिए उत्तर कोरियाई सहयोग प्राप्त करना है. पिछले साल, उत्तर कोरिया ने रूस की मदद के लिए 11,000 सैनिक भेजे थे, और अब रिपोर्टों के अनुसार, 2025 तक यह संख्या तीन गुना बढ़कर 30,000 हो सकती है.

    रूस के लिए क्या आगे है?

    रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अब और गहरा सकता है, खासकर जब अमेरिका और रूस के बीच प्रत्यक्ष टकराव की संभावना बढ़ रही है. ट्रंप का कड़ा बयान और अमेरिकी रुख में बदलाव, यह संकेत देते हैं कि अगले कुछ हफ्तों में रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, रूस का उत्तर कोरिया से सहयोग बढ़ाने का कदम भी दिखाता है कि यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक मुद्दा बन चुका है.

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