भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव ने जब युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए थे, तब दुनिया भर की नजरें इन दोनों परमाणु संपन्न देशों पर टिक गई थीं. भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत PoK और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने भी ड्रोन और मिसाइल हमलों से जम्मू, पंजाब और राजस्थान को निशाना बनाया. लेकिन, जब लगा कि माहौल थम रहा है, तभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की घोषणा ने सभी को चौंका दिया.
ट्रंप ने की बड़ी घोषणा – “सीजफायर फाइनल!”
10 मई 2025 को शाम करीब 5:30 बजे ट्रंप ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल सीजफायर पर सहमति दे दी है. दोनों देशों के नेताओं को इसके लिए बधाई. यह हमारे प्रशासन की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है."
उन्होंने दावा किया कि यह डील उपराष्ट्रपति जेडी वैंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मेहनत का नतीजा है. भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी पुष्टि की कि पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय DGMO को फोन कर दोपहर 3:35 बजे सीजफायर की पहल की थी, जो शाम 5 बजे से लागू मानी जानी थी.
पाकिस्तान ने निभाया नहीं वादा
ट्रंप की इस "डिप्लोमैटिक जीत" का जश्न ठीक से मन भी नहीं पाया था कि पाकिस्तान ने शाम ढलते ही सीजफायर तोड़ डाला. श्रीनगर, अखनूर, राजौरी, आरएस पुरा और पंजाब के कई इलाकों में ड्रोन हमले और गोलाबारी की खबरें आईं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने X पर पोस्ट कर लिखा: "ये कैसा सीजफायर? श्रीनगर में एयर डिफेंस यूनिट्स ने फायरिंग शुरू कर दी!" भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने कई पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए और जवाबी कार्रवाई में पेशावर और पीओके के भिम्बर इलाके में सटीक हमले किए.
जनरल असीम मुनीर के इरादों पर उठे सवाल
सीजफायर के उल्लंघन के पीछे पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का हाथ माना जा रहा है. कई विश्लेषकों का कहना है कि मुनीर ने सीजफायर को अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने का बहाना बनाया और जैसे ही मौका मिला, हमले शुरू कर दिए. CNN की एक रिपोर्ट में मुनीर को पूर्व जनरल बाजवा से भी अधिक आक्रामक बताया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने IMF से 1 अरब डॉलर की सहायता हासिल कर तो ली, लेकिन उसकी आर्थिक और सैन्य कमजोरी ने उसे अस्थायी रूप से सीजफायर पर सहमत होने को मजबूर किया.
सोशल मीडिया पर ट्रंप की फजीहत
जहां एक ओर ट्रंप ने इस समझौते को अपनी "कूटनीतिक जीत" बताया, वहीं पाकिस्तान की धोखेबाज़ी ने उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया. लोगों ने लिखा, "मुनीर ने ट्रंप को चकमा देकर अमेरिका की किरकिरी करवा दी."
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