चीन पर लगे टैरिफ को कम कर सकते हैं ट्रंप, कहा- उनपर इसका असर पड़ा है, उसकी अर्थव्यवस्था संकट में है

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में संकेत दिया कि वे चीन पर लगाए गए टैरिफ को कम करने पर विचार कर सकते हैं.

    Trump can reduce tariffs on China
    डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग/Photo- ANI

    वॉशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से जारी व्यापार तनाव में अब संभावित नरमी की झलक दिख रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में संकेत दिया कि वे चीन पर लगाए गए टैरिफ को कम करने पर विचार कर सकते हैं.

    NBC के एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, "मैं कभी भी चीन पर लगाए गए टैक्स घटा सकता हूं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो व्यापार असंभव हो जाएगा, जबकि चीन व्यापार करना चाहता है."

    व्यापार तनाव की पृष्ठभूमि

    ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका ने 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत सभी देशों पर सामान आयात करने पर 10% टैरिफ लगाया था. बाद में यह दर चीन के लिए बढ़ती गई और 20 अप्रैल 2025 तक यह 145% तक पहुंच गई. जवाब में, चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक टैरिफ लागू कर दिए.

    इन नीतियों का असर दोतरफा पड़ा है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हुई हैं.

    चीन की अर्थव्यवस्था दबाव में

    ट्रंप ने दावा किया कि टैरिफ के चलते चीन की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है. उन्होंने कहा कि "फैक्ट्रियों में उत्पादन घटा है, बेरोजगारी बढ़ी है और एक्सपोर्ट ऑर्डर गिर गए हैं."

    ब्लूमबर्ग की हालिया रिपोर्ट भी ट्रंप के बयान की पुष्टि करती है, जिसमें कहा गया है कि चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री 2023 के बाद से सबसे खराब दौर में है. निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछली बार अप्रैल 2022 में लॉकडाउन के दौरान देखी गई थी.

    बोइंग की डिलीवरी पर रोक

    इस तनाव के बीच चीन ने अमेरिका की प्रमुख विमान निर्माता कंपनी बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया है. बीजिंग ने चीनी एयरलाइंस को अमेरिकी निर्मित विमानों और उनके पुर्जों की खरीद पर भी रोक लगा दी है. यह कदम अमेरिका के उच्च टैरिफ के जवाब में उठाया गया माना जा रहा है.

    बोइंग अमेरिका की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनियों में से एक है और वैश्विक रक्षा क्षेत्र में भी इसकी बड़ी हिस्सेदारी है.

    दोनों के बीच बातचीत की संभावनाएं

    हालांकि तनाव बरकरार है, लेकिन दोनों पक्ष अब बातचीत की ओर झुकते दिख रहे हैं. ट्रंप ने साफ किया कि वे पहल नहीं करेंगे लेकिन संकेत दिए कि अगर उचित समझौता हुआ तो वे तैयार हैं. "बातचीत बराबरी की शर्तों पर ही होगी," उन्होंने कहा.

    उधर, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भी शुक्रवार को पहली बार यह संकेत दिया कि वह अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत के लिए तैयार है — बशर्ते अमेरिका एकतरफा टैरिफ को हटाने पर सहमत हो.

    टैरिफ वॉर का वैश्विक असर

    अमेरिका-चीन के इस व्यापार संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है. कई आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं जैसे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और खिलौनों की कीमतों पर असर पड़ा है, जिससे अमेरिका में महंगाई का दबाव भी बढ़ा है.

    विशेषज्ञों का मानना है कि यदि टैरिफ वॉर ऐसे ही चलता रहा, तो यह सिर्फ अमेरिका और चीन नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदायक होगा.

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