Pahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले के आठ महीने बाद इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी. चार्जशीट में पाकिस्तान की लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के वरिष्ठ कमांडर साजिद जट्ट को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. इसके साथ ही, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) और लश्कर-ए-तैयबा पर भी इस हमले का आरोप लगाया गया है.
NIA ने अपनी चार्जशीट में मारे गए तीन आतंकियों, सुलेमान उर्फ फैजल जट्ट, हमजा अफगानी और जिब्रान के अलावा उनके तीन स्थानीय मददगारों के नाम भी शामिल किए हैं. चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि आतंकियों को हमले से पहले स्थानीय सहयोगियों की मदद प्राप्त थी, जिन्होंने उन्हें पनाह और लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया. जम्मू की स्पेशल कोर्ट में दायर चार्जशीट इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें हमले की साजिश और स्थानीय सहयोगियों की भूमिका दोनों पर प्रकाश डाला गया है.
The National Investigation Agency (NIA) today chargesheeted seven accused in the Pahalgam terror attack case, including the Pakistan-based Lashkar-e-Taiba (LeT) / The Resistance Front (TRF) terrorist organisation.
— ANI (@ANI) December 15, 2025
The chargesheet, which details Pakistan’s conspiracy, roles of… pic.twitter.com/MICJowKZaz
साजिद जट्ट कौन हैं?
चार्जशीट के अनुसार, साजिद जट्ट का पूरा नाम सैफुल्लाह साजिद जट्ट है. वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले के शंगामंगा गांव के निवासी हैं. साजिद लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख कमांडर हैं और संगठन में हाफिज सईद के बाद तीसरे नंबर के नेता माने जाते हैं. इसके अलावा, वह लश्कर की ऑफशूट संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के प्रमुख भी हैं. TRF को लश्कर का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है और भारत सरकार ने इसे 2023 में यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.
साजिद जट्ट को पहले ही अन्य मामलों में 10 लाख रुपये के इनाम का हकदार घोषित किया जा चुका है. भारत के गृह मंत्रालय ने उसे यूएपीए के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी भी घोषित किया है.
पहलगाम हमले में साजिद जट्ट की भूमिका
NIA की जांच में सामने आया है कि साजिद जट्ट ने पहलगाम हमले की पूरी साजिश रची. उन्होंने हमलावरों को सीमा पार से निर्देश दिए और आतंकियों के साथ संपर्क बनाए रखा. इसके अलावा, उन्होंने ऑपरेशनल सपोर्ट मुहैया कराकर हमले को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हमले में शामिल तीन हमलावर सुलेमान, हमजा और जिब्रान, पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर से जुड़े हुए थे.
ये तीनों सुरक्षा बलों के ऑपरेशन महादेव में ढेर हो चुके हैं. साजिद जट्ट जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों पर हमलों का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है. वह युवाओं की भर्ती, हथियारों की तस्करी और आतंक के लिए फंडिंग में भी सक्रिय हैं.
धर्म और पहचान के आधार पर की गई हत्या
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस हमले में आतंकियों ने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने पर्यटकों को धर्म पूछकर और कलमा सुनकर निशाना बनाया. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई. NIA की चार्जशीट इस मामले की गंभीरता और स्थानीय सहयोगियों की भूमिका को उजागर करती है.
चार्जशीट में बताया गया है कि दो स्थानीय लोगों ने हमलावरों को पनाह और लॉजिस्टिक मदद दी थी. इन सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद ही आतंकियों के नेटवर्क की और भी विस्तृत जानकारी सामने आई.
यह भी पढ़ें- तान्या मित्तल का हर झूठ हो रहा सच, घर के अंदर से दिखाई ऐसी तस्वीर, फैंस ने हेटर्स की लगा दी क्लास