ऑस्ट्रेलिया में हुआ हमला और दिल्ली में हाई अलर्ट पर खुफिया एजेंसियां, जानें क्यों हुआ यह एक्शन?

    ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में यहूदी समुदाय के पर्व हनुका के दौरान इस्राइली नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले के बाद भारत में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.

    Attack in Australia intelligence agencies on high alert in Delhi
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    नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में यहूदी समुदाय के पर्व हनुका के दौरान इस्राइली नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले के बाद भारत में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इस हमले में कई इस्राइली नागरिकों की मौत और अनेक लोगों के घायल होने की खबरों के बाद भारतीय खुफिया तंत्र ने संभावित खतरों को लेकर अलर्ट जारी किया है. इसी वजह से दिल्ली समेत देश के अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है.

    हमले के तुरंत बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली, मुंबई और उन सभी जगहों की सुरक्षा समीक्षा शुरू कर दी है, जहां इस्राइली नागरिकों की आवाजाही रहती है. इन एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. आशंका जताई जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का असर भारत जैसे देशों में भी देखने को मिल सकता है, जहां विदेशी दूतावास और धार्मिक संस्थान मौजूद हैं.

    इस्राइली ठिकानों पर बढ़ी चौकसी

    दिल्ली में इस्राइली दूतावास और पहाड़गंज स्थित चाबाद हाउस जैसे स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. रविवार शाम को दिल्ली पुलिस ने इन संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. अधिकारियों के मुताबिक, इन जगहों के आसपास पहले से तैनात पुलिस बल को अलर्ट मोड में रखा गया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.

    बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा किया मजबूत

    सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में मौजूद इस्राइली इमारतों के चारों ओर व्यापक सुरक्षा घेरा बनाया गया है. इन इलाकों में पहले से लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ा दी गई है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा सकती है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार हैं.

    पुराने हमलों से मिला सबक

    पिछले कुछ वर्षों में नई दिल्ली में इस्राइली दूतावास के पास दो बार कम तीव्रता वाले विस्फोट हो चुके हैं. हालांकि, इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन इन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीर चेतावनी के रूप में लिया. इसके अलावा, 2012 में नई दिल्ली में इस्राइली दूतावास से जुड़ी एक गाड़ी को निशाना बनाकर हमला किया गया था, जिसमें स्टिकी बम का इस्तेमाल हुआ था.

    तीन लेयर सुरक्षा व्यवस्था

    दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस्राइली दूतावास को पहले से ही तीन स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाती है. पहली परत में दिल्ली पुलिस, दूसरी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और तीसरी परत में विशेष प्रशिक्षित कमांडो तैनात रहते हैं. इसके अलावा दूतावास परिसर के भीतर सुरक्षा की जिम्मेदारी इस्राइल की अपनी उन्नत तकनीक से लैस एजेंसियों के पास होती है.

    चौबीसों घंटे निगरानी

    दूतावास और उसके आसपास के इलाकों में दिन-रात निगरानी की जाती है. पूरे क्षेत्र को हाई-रिजॉल्यूशन और नाइट विजन सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया है. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम और संबंधित एजेंसियों तक पहुंचाई जाती है.

    सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इस्राइली नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं का असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है. इसी आशंका के चलते भारत में मौजूद इस्राइली ठिकानों और यहूदी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई है.

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