कैसे होगी तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत? रूस-चीन का होगा अहम रोल, नाटो चीफ की भविष्यावाणी से दुनिया में हड़ंकप

    नाटो के प्रमुख मार्क रुटे ने हाल ही में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को लेकर गंभीर चिंता जताई है.

    Third World War Russia China important role NATO chief prediction
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    नाटो के प्रमुख मार्क रुटे ने हाल ही में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उनका मानना है कि अगर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक साथ मिलकर आक्रमण शुरू करते हैं, तो यह तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है. रुटे ने चेतावनी दी कि अगर चीनी सेना ताइवान पर आक्रमण करती है और रूस नाटो देशों पर हमला करता है, तो दुनिया में भारी तबाही हो सकती है, और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी हो सकता है.

    रुटे की भविष्यवाणी

    रुटे ने कहा कि चीन ताइवान पर आक्रमण करने के बाद रूस को नाटो देशों के खिलाफ हमला करने का आदेश दे सकता है. इस रणनीति से पश्चिमी देशों का ध्यान ताइवान से हटाकर यूरोप की ओर मुड़ जाएगा, जिससे चीन को प्रशांत क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाने का मौका मिलेगा. रुटे के अनुसार, यह एक भयानक स्थिति हो सकती है, क्योंकि दोनों देशों के आक्रमण से परमाणु युद्ध की संभावना भी बढ़ सकती है.

    उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों को अपनी सैन्य ताकत बढ़ानी होगी ताकि चीन की आक्रामकता को रोका जा सके और रूस को यूरोप पर हमला करने से रोका जा सके. रुटे ने साफ तौर पर कहा कि चीन, ताइवान पर हमला करने से पहले रूस को फोन करेगा और उसे नाटो क्षेत्र पर हमला करने के लिए प्रेरित करेगा ताकि पश्चिमी देशों को यूरोप में व्यस्त रखा जा सके.

    चीन और रूस की रणनीति

    रुटे के इस बयान में चीन और रूस के बीच कथित मिलीभगत का जिक्र किया गया है. दरअसल, अमेरिकी और ताइवानी अधिकारियों ने भविष्यवाणी की है कि 2027 तक चीन ताइवान पर हमला कर सकता है. चीन की सेना ताइवान के आसपास लगातार अभ्यास कर रही है और चीनी नेता ताइवान को अपनी सीमा में शामिल करने की बात भी कई बार कह चुके हैं.

    रुटे ने इस पूरी स्थिति को समझाते हुए कहा कि, “हम जानते हैं कि चीन की नजर ताइवान पर है. अगर नाटो अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत नहीं करेगा, तो रूस यूरोप पर हमला कर सकता है. यह वक्त की मांग है कि नाटो अपनी रक्षा ताकत बढ़ाए.”

    रूस की प्रतिक्रिया

    हालांकि, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने रुटे के बयान पर जवाब देते हुए इसे बेकार और बेमतलब करार दिया है. मेदवेदेव ने हंसी उड़ाते हुए कहा, "रुटे ने शायद बहुत अधिक मशरूम खा लिए हैं." उनके अनुसार, रुटे का यह बयान पूरी तरह से काल्पनिक है और इसमें कोई वास्तविकता नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि रुटे को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है और यह बयान केवल पश्चिमी मीडिया की सनसनीखेज कहानियों का हिस्सा है.

    क्या यह महज चिंता है, या कुछ और?

    रुटे का बयान निश्चित रूप से दुनिया भर में चिंता का कारण बना है, क्योंकि यह एक नई तरह की भूराजनीतिक स्थिति की ओर इशारा करता है, जिसमें चीन और रूस के बीच सहयोग तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है. हालांकि, रूस की प्रतिक्रिया ने इस संभावना को नकारते हुए इसे एक बेबुनियाद कल्पना बताया है. लेकिन इस बयान ने इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक राजनीति में अब पहले से कहीं अधिक तनाव है, और इसे नजरअंदाज करना किसी के लिए भी उचित नहीं होगा.

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