पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के दोनों बेटों से क्यों डर रही शहबाज सरकार? जानिए अंदर की बात

    पूर्व प्रधानमंत्री अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं, और उनके बेटे तक उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं.

    Shehbaz government afraid of former Pakistan PM Imran Khan sons
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    पाकिस्तान की सियासत में कभी सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक रहे इमरान खान अब जेल की सलाखों के पीछे हैं. लेकिन सवाल सिर्फ उनकी गिरफ्तारी या दोष सिद्ध मामलों का नहीं है—बल्कि उस अमानवीय स्थिति का है जिसमें उन्हें और उनके परिवार को रखा जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं, और उनके बेटे तक उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं. उनकी पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ खुलकर इस मुद्दे को उठा रही हैं, लेकिन पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान पर इसका कोई असर नहीं दिखता.

    बेटों को नहीं है बात करने की इजाजत

    जेमिमा ने बताया कि उनके बेटे सुलेमान और कासिम को न तो अपने पिता से फोन पर बात करने की इजाजत है और न ही जेल में मुलाकात करने की. जरा सोचिए, एक लोकतांत्रिक देश में बच्चों को पिता से बात करने से रोकना किस हद तक जायज़ है? जेमिमा इसे साफ शब्दों में ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ और ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन’ बता चुकी हैं.

    बेटों की अपील, दुनिया से मदद की गुहार

    सुलेमान और कासिम पहली बार मई 2025 में सार्वजनिक रूप से सामने आए. उन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी से अपील की कि उनके पिता को इंसाफ मिले और सरकार पर दबाव बनाया जाए. वे लंदन में रहते हैं लेकिन पाकिस्तान आने से बचते हैं क्योंकि उन्हें गिरफ़्तारी का डर है.

    इमरान पर आरोपों की लंबी फेहरिस्त

    इमरान खान पर केस दर केस दर्ज हुए. तोशाखाना से लेकर अल-कादिर ट्रस्ट, साइफर लीक से लेकर शादी विवाद तक—हर मामले में उन्हें सजा सुनाई गई. हालांकि इनमें से कुछ सज़ाएं बाद में सस्पेंड या रद्द की गईं, लेकिन इमरान जेल से बाहर नहीं आ सके.

    जेल में दो साल पूरे करने वाले हैं इमरान

    5 अगस्त 2023 को जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि वो लगातार दो साल जेल में रहेंगे. अब 5 अगस्त 2025 को उनके कारावास के दो साल पूरे हो जाएंगे.

    फोन कॉल की इजाज़त भी नहीं

    पहले अदालत ने WhatsApp कॉल और मिलने की इजाजत दी थी, लेकिन बाद में ये भी हटा ली गई. परिवार का दावा है कि सितंबर 2024 के बाद से एक बार भी कॉल करने की अनुमति नहीं दी गई.

    कौन हैं सुलेमान और कासिम?

    सुलेमान इसा खान (1996) और कासिम खान (1999) दोनों ब्रिटेन में जन्मे और पले-बढ़े हैं. सुलेमान को राजनीति और मीडिया में दिलचस्पी है, जबकि कासिम ने ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से इस्लामिक हिस्ट्री की पढ़ाई की है और अब डिजिटल स्टार्टअप्स में लगे हैं.

    क्रिकेट से भी गहरा रिश्ता

    इमरान खान के बेटों में भी क्रिकेट को लेकर जुनून है. जेमिमा ने कुछ वीडियो शेयर किए थे जिसमें कासिम गेंदबाजी करते दिखे, तो सुलेमान बल्लेबाजी में हाथ आजमा रहे थे.

    राजनीति में उतरेंगे?

    अभी तक दोनों ने राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं जताया है. लेकिन वे अपने पिता की रिहाई को लेकर गंभीर हैं और इंटरनेशनल लेवल पर आवाज़ उठा रहे हैं. उनकी सक्रियता का असर साफ दिख रहा है.

    पाक सरकार डर रही है आंदोलन से

    सरकार को डर है कि अगर सुलेमान और कासिम पाकिस्तान आए और कोई बड़ा आंदोलन शुरू हुआ तो हालात बेकाबू हो सकते हैं. यही वजह है कि उन्हें मिलने तक की अनुमति नहीं दी जा रही.

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