Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच बीते मई में हुए सैन्य तनाव को लेकर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. पाकिस्तान-चाइना इंस्टिट्यूट (PCI) द्वारा जारी इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चार दिन चले सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तानी सेना ने खुद भारत से युद्धविराम की अपील की थी. यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई मध्यस्थता की पेशकश ने अमेरिका की क्षेत्रीय भूमिका और वैश्विक साख को गहरा नुकसान पहुंचाया.
ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का बैकफुट
PCI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तानी DGMO (Director General of Military Operations) ने भारत के सैन्य अधिकारियों से सीधे संपर्क साधा और सैन्य वार्ता की पहल की. यह वही समय था जब दुनिया भर में भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर गहमागहमी का माहौल बना हुआ था, और ट्रंप प्रशासन ने खुद को इस विवाद का मध्यस्थ घोषित करने की कोशिश की थी.
अमेरिकी रणनीति को झटका
"दक्षिण एशिया को नया आकार देने वाले 16 घंटे" नामक इस रिपोर्ट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि ट्रंप द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश करना अमेरिका की रणनीतिक विफलता को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को एक ही नजरिए से देखने की कोशिश की, जिससे चीन को दक्षिण एशिया में प्रभाव बढ़ाने का मौका मिला.
चीन की सैन्य तकनीक को बताया बेहतर
रिपोर्ट में अमेरिका और नाटो देशों को अप्रत्यक्ष चेतावनी दी गई है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीनी तकनीकें, पश्चिमी हथियार प्रणालियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. इसलिए अमेरिका को अपनी सैन्य धारणाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए.
ट्रंप की भूमिका पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर रिपोर्ट में तीखी टिप्पणी की गई है. अमेरिका के सहयोगी भारत के साथ खड़े होने के बजाय ट्रंप द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मध्यस्थता की घोषणा करना एक राजनयिक भूल करार दिया गया है. इससे न सिर्फ अमेरिका की कूटनीतिक स्थिति कमजोर हुई, बल्कि चीन के प्रभाव को भी परोक्ष रूप से बढ़ावा मिला.
पाकिस्तान की पहल से ही रुका संघर्ष
रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि 10 मई को पाकिस्तान की ओर से भारत से सैन्य स्तर पर बातचीत की पहल की गई थी. यह उस समय की बात है जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने लक्षित कार्रवाई की थी, जिससे पाकिस्तान को खासा नुकसान हुआ था. इसके बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए संपर्क किया.
भारत के रुख को मजबूती
यह रिपोर्ट भारत के उस दावे को पुख्ता करती है जिसमें भारत ने शुरू से ही यह स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष के किसी भी दौर में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही. भारत का रुख यही रहा है कि कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर सीधी द्विपक्षीय वार्ता ही एकमात्र रास्ता है, और मध्यस्थता के किसी भी बाहरी प्रयास को भारत ने पहले भी खारिज किया था.
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