सिविल सर्विस डे के मौके पर PM मोदी ने किस लक्ष्य को हर दिन पूरा करने की कही बात?

    हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी खास मौके पर आज राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में समारोह का आयोजन किया गया. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोक सेवकों को संबोधित किया और देश के विकास में उनके अभूतपूर्व योगदान की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दस वर्षों में भारत में सरकार और आम नागरिकों के बीच की दूरी काफी हद तक कम हुई है.

    PM Modi to address civil servants on 17th Civil Services Day
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी खास मौके पर आज राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में समारोह का आयोजन किया गया. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोक सेवकों को संबोधित किया और देश के विकास में उनके अभूतपूर्व योगदान की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दस वर्षों में भारत में सरकार और आम नागरिकों के बीच की दूरी काफी हद तक कम हुई है. उन्होंने लोक सेवकों से आग्रह किया कि वे इस बदली हुई व्यवस्था को और मजबूत करें, क्योंकि अब देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर तेजी से बढ़ना है.

    "यह सिर्फ एक विषय नहीं बल्कि एक प्रतिबद्धता है"

    आपको बता दें कि इस बार 17वें लोकसेवा दिवस की थीम ‘भारत का समग्र विकास’ रखी गई है. पीएम मोदी ने इसे सिर्फ एक विषय नहीं बल्कि एक प्रतिबद्धता बताया. उन्होंने 'नो विलेज लेफ्ट बिहाइंड, नो फैमिली लेफ्ट बिहाइंड, नो सिटिज़न लेफ्ट बिहाइंड' का मंत्र दिया और हर गांव को डिजिटल इकॉनमी से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने गुजरात के राजकोट, असम के तिनसुकिया और ओडिशा के कोरापुट जैसे इलाकों में हुए बदलावों का उल्लेख करते हुए सिविल सेवकों की सराहना की और कहा कि जिस भावना से वे काम कर रहे हैं, वही भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.

    उन्होंने कहा, 'विकसित भारत के हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भी विकास रथ के हर चक्र को मिलकर चलना है. दृढ़ प्रतिज्ञ होकर हर क्षण, हर दिन इस लक्ष्य के लिए काम करना है. लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीना है, जिंदगी खपानी है.'

    "सबसे बड़ी आबादी तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना ही असली लक्ष्य"

    उन्होंने आगे कहा, “पिछले दशक में भारत ने छोटे-छोटे सुधारों से एक बड़े परिवर्तन की ओर कदम बढ़ाया है. टेक्नोलॉजी और इनोवेशन ने सरकार और जनता के बीच की खाई को पाटा है.” पीएम मोदी ने बिहार, जम्मू-कश्मीर और झारखंड के कुछ दूरस्थ इलाकों के उदाहरण देते हुए बताया कि यदि नीयत साफ हो, तो बदलाव किसी भी कोने में मुमकिन है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज भारत न केवल तेज़ी से विकास कर रहा है, बल्कि गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी और इनोवेशन के नए मानदंड भी स्थापित कर रहा है. जी20 में भारत की भूमिका इसका उदाहरण है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत का इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस लगातार सुधर रहा है और अब हमें राज्यों के स्तर पर भी लालफीताशाही को खत्म करना होगा. उन्होंने सिविल सेवकों को याद दिलाया कि देश की सबसे बड़ी आबादी तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना ही असली लक्ष्य है.

    "नागरिक देवो भवः की भावना ही सच्ची लोकसेवा"

    प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं और अगले चरण में 3 करोड़ नए घरों का लक्ष्य है. साथ ही 12 करोड़ घरों को पाइप से पानी पहुंचाया गया है और अब हर घर तक नल जल योजना को पहुंचाना है. आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को याद दिलाया कि तकनीक के युग में मानवीय संवेदनाएं कभी पीछे नहीं छूटनी चाहिए. गरीबों की समस्याएं सुनना, उनका समाधान करना, और ‘नागरिक देवो भवः’ की भावना को आत्मसात करना ही सच्ची लोकसेवा है.

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