कुलभूषण जाधव केस में नया मोड़: पाकिस्तान ने अपील का अधिकार नहीं दिया, भारत की चिंताएं बढ़ीं

    Kulbhushan Jadhav : भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में लंबे समय से तनाव का कारण बने कुलभूषण जाधव मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है.

    Kulbhushan Jadhav case Pakistan no right to appeal India
    कुलभूषण जाधव | Photo: X

    Kulbhushan Jadhav : भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में लंबे समय से तनाव का कारण बने कुलभूषण जाधव मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह साफ किया कि कुलभूषण जाधव को किसी ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार नहीं दिया गया है. यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान के समर्थकों की गिरफ्तारी से जुड़ा मामला चल रहा था, और एक वकील से जब यह पूछा गया कि क्या जाधव को अपील का मौका मिला, तो सरकार की तरफ से इसका सीधा जवाब ‘नहीं’ में दिया गया.

    जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप

    पाकिस्तान में 2016 से कैद जाधव पर जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप हैं. हालांकि भारत लगातार यह दावा करता रहा है कि जाधव ईरान में वैध व्यवसाय कर रहे थे और उन्हें वहां से जबरन अगवा कर पाकिस्तान लाया गया. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मामला उठाया और 2019 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले के बाद पाकिस्तान ने जाधव को सिर्फ ‘कॉन्सुलर एक्सेस’ की अनुमति दी — यानी भारतीय अधिकारियों को उनसे मिलने का अधिकार. लेकिन कानूनी अपील का रास्ता अब भी बंद रखा गया है.

    पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में कॉन्सुलर एक्सेस के बावजूद कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई है. पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था और वह RAW के लिए काम कर रहे थे. इस दावे के समर्थन में एक ‘कबूलनामे’ वाला वीडियो भी जारी किया गया था, जिसे भारत ने खारिज करते हुए कहा कि यह जबरन लिया गया बयान है.

    जाधव को अगवा कराने में मुफ्ती शाह मीर नामक शख्स की अहम भूमिका

    भारत ने यह भी खुलासा किया था कि जाधव को अगवा कराने में मुफ्ती शाह मीर नामक शख्स की अहम भूमिका थी, जो मार्च में बलूचिस्तान में अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा जा चुका है. मीर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने वाला एजेंट माना जाता था, जो मानव तस्करी और हथियारों की तस्करी जैसे अपराधों में लिप्त था. उसकी हत्या को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

    कुलभूषण जाधव का केस सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी या सजा का मामला नहीं है — यह एक बड़ा कूटनीतिक और मानवाधिकार से जुड़ा मुद्दा बन चुका है. जिस तरह से उन्हें कानूनी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, वह अंतरराष्ट्रीय न्याय सिद्धांतों पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है. भारत इस मामले में पहले ही ICJ का दरवाजा खटखटा चुका है, लेकिन अब पाकिस्तान के इस नए रवैये ने दोनों देशों के बीच तनाव को और हवा दे दी है.

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