मोदी सरकार को वक्फ संशोधन बिल को लेकर जो उम्मीद थी, वह पूरी हो गई है. विपक्ष के विरोध के बावजूद, वक्फ संशोधन बिल आसानी से लोकसभा से पास हो गया. इस बिल पर लोकसभा में 10 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई. बुधवार को दोपहर 12 बजे किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल पेश किया और रात दो बजे इसे लोकसभा से पारित कर दिया गया. इस बिल का पूरा नाम "वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025" और "मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024" है. अब, यह बिल लोकसभा से पास हो गया है, और सरकार को राज्यसभा से पास होने की उम्मीद है.
लोकसभा में क्या हुआ?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 गुरुवार को लोकसभा में पारित हुआ. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया और बताया कि यह मुस्लिम समुदाय के हित में है. इस बिल को लोकसभा में 288 वोटों के मुकाबले 232 वोटों से मंजूरी मिली. इस महत्वपूर्ण बिल को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली. इसके अलावा, मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 को रद्द करने वाला "मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024" भी ध्वनि मत से पारित हो गया.
वोटिंग का क्या नतीजा रहा?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर वोटिंग के दौरान विपक्ष के कुछ सांसदों ने मत विभाजन की मांग की. इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े और विरोध में 232 वोट आए. हालांकि, वोटिंग के दौरान कुछ विवाद भी हुआ जब सदन में कुछ सांसदों को अंदर जाने दिया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि नए संसद भवन में शौचालय की व्यवस्था लॉबी में ही की गई थी, इसलिए सिर्फ लॉबी से ही सांसदों को अंदर आने दिया गया.
वक्फ बिल को पारित कराने के लिए लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत थी. मोदी सरकार के पास कुल 293 सांसद हैं, जिसमें बीजेपी के 240 और उनके सहयोगी दलों (जैसे जेडीयू, टीडीपी, एलजेपी) के 53 सांसद शामिल हैं. इस तरह से लोकसभा में बिल पास कराने के लिए सरकार के पास बहुमत से 21 वोट ज्यादा थे.
अब राज्यसभा में असली परीक्षा
अब मोदी सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में होगी. राज्यसभा में सरकार के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है, और यहां इसे पास कराना उतना आसान नहीं होगा. राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से 237 प्रभावी हैं (8 सीटें खाली हैं). बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत है. एनडीए के पास राज्यसभा में 112 सांसद हैं, और इसके साथ 6 मनोनीत और 1 निर्दलीय सांसद का समर्थन भी है, जिससे कुल संख्या 119 तक पहुंचती है.
विपक्ष (इंडिया ब्लॉक) के पास 85 सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के 27, टीएमसी के 13, सपा के 10, डीएमके के 10, और अन्य दलों के 25 सांसद शामिल हैं. विपक्ष को बहुमत के लिए 34 वोटों की कमी है. हालांकि, एनडीए की स्थिति राज्यसभा में भी मजबूत है, जो इस बिल को पास कराने में मदद कर सकती है. अगर कोई अप्रत्याशित स्थिति नहीं होती, तो यह संभावना है कि राज्यसभा से भी वक्फ बिल पारित हो जाएगा.
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