भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ चार दिन लंबा सैन्य संघर्ष अब वैश्विक विश्लेषण का विषय बन चुका है. इस टकराव ने न केवल दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं को परखा, बल्कि दुनिया की बड़ी शक्तियों की निगाहें खासतौर पर चीन के हथियारों पर जा टिकीं. अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड से जुड़ी एक रिपोर्ट में इस संघर्ष का विस्तृत विश्लेषण किया गया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियार पूरी तरह फेल साबित हुए.
चीनी तकनीक की असलियत आई सामने
‘इंडो-पैसिफिक डिफेंस फोरम’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा किए गए हवाई हमलों ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को ध्वस्त कर दिया. चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम जैसे HQ-9 और HQ-16 हमलों को रोकने में नाकाम रहे. टोरंटो स्थित 'कुवा डिफेंस न्यूज एंड एनालिसिस ग्रुप' के संस्थापक बिलाल खान ने बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना की जो उम्मीदें इन सिस्टम्स से थीं, वे पूरी तरह धराशायी हो गईं.
निशाने पर आए पाकिस्तान के एयरबेस
संघर्ष के चौथे दिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर सफलतापूर्वक हमले किए, जिससे करीब 20% पाकिस्तानी वायुसेना का बुनियादी ढांचा तबाह हो गया. शुरुआत में पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज किया, लेकिन अमेरिकी सैटेलाइट तस्वीरों से साफ़ हुआ कि भारत के दावे सटीक हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में भी इन हमलों की पुष्टि की गई है.
चीन के हथियारों की गिरती साख
लंदन के 'एशिया-पैसिफिक फाउंडेशन' से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ सज्जन गोहेल ने चेताया कि चीनी हथियार अगर भारतीय हमलों को रोकने में असमर्थ रहे, तो यह चीन के रक्षा निर्यात पर गंभीर सवाल खड़े करता है. भारतीय रक्षा विशेषज्ञ जीडी बख्शी का भी कहना है कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम चीन से कहीं ज्यादा सक्षम है. उन्होंने कहा, “हमने चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए गए HQ-9 और HQ-16 को सफलतापूर्वक बेअसर किया.”
सटीक हमलों से भारत ने दिया संदेश
जानी-मानी जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने जापान टाइम्स में लिखा कि भारत ने SAAB-2000 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम को भी मार गिराया – वह भी पाकिस्तान की सीमा के अंदर और 300 किमी से अधिक दूरी से दागी गई मिसाइल से. यह न सिर्फ तकनीकी रूप से ऐतिहासिक है, बल्कि भारत की रणनीतिक बढ़त को भी दर्शाता है.
ड्रोन और मिसाइल हमले: फिर भी नाकामी
पाकिस्तान ने एक ही रात में 400 से अधिक ड्रोन लॉन्च किए और चीन निर्मित हाइपरसोनिक CM-401 मिसाइलें भी दागीं. लेकिन भारत की सतर्कता और तकनीकी दक्षता के चलते इन प्रयासों से कोई खास नुकसान नहीं हुआ. अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, इन हथियारों की विश्वसनीयता अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर सवालों के घेरे में है.
पाकिस्तान को बड़ा झटका, चीन की साख पर सवाल
इस पूरे टकराव ने एक बात स्पष्ट कर दी है – चीन से मिले सैन्य उपकरणों पर पाकिस्तान का अत्यधिक भरोसा उसे भारी पड़ा. वहीं, भारत ने अपने तकनीकी और रणनीतिक कौशल से न केवल सैन्य बढ़त हासिल की, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी मजबूती का एक और उदाहरण पेश किया है.
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