जहां बैठकर बना लादेन और बगदादी को मारने का प्लान, उस 'सिचुएशन रूम' में बैठेंगे ट्रंप, अब किसकी बारी?

    ट्रंप ने खुद यह पुष्टि की है कि वह व्हाइट हाउस के ‘सिचुएशन रूम’ में एक आपात बैठक करने जा रहे हैं.

    Now Trump is going to sit in the Situation Room
    Image Source: Social Media

    वॉशिंगटन: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका की गतिविधियों ने दुनिया का ध्यान खींच लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक कनाडा में चल रही G7 समिट छोड़कर वॉशिंगटन लौट रहे हैं. ट्रंप ने खुद यह पुष्टि की है कि वह व्हाइट हाउस के ‘सिचुएशन रूम’ में एक आपात बैठक करने जा रहे हैं. यह वही ऐतिहासिक कमरा है, जहां से अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन और अबू बकर अल बगदादी जैसे आतंकियों के खिलाफ अपने सबसे बड़े सैन्य अभियानों का संचालन किया था.

    ट्रंप का यह अचानक फैसला संकेत देता है कि ईरान के खिलाफ कोई गंभीर सैन्य रणनीति बन रही है, या फिर मौजूदा ऑपरेशन को नया मोड़ देने की तैयारी है.

    क्या कोई बड़ा सैन्य ऑपरेशन तैयार है?

    रॉयटर्स के मुताबिक, ट्रंप ने एयरफोर्स वन में पत्रकारों से कहा, "मुझे वाइट हाउस लौटना है, मुझे सिचुएशन रूम में मीटिंग करनी है."

    हालांकि, बैठक की टाइमिंग और एजेंडा स्पष्ट नहीं है, लेकिन ट्रंप का यह कदम बताता है कि अमेरिकी नेतृत्व अब इस संघर्ष में कहीं गहराई से शामिल हो रहा है.

    इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई की मौत के साथ ही यह युद्ध समाप्त होगा. ट्रंप का सिचुएशन रूम में अचानक लौटना, इस बयान को और अधिक गंभीर बना देता है.

    'सिचुएशन रूम': अमेरिका का कमांड सेंटर

    व्हाइट हाउस के भीतर स्थित 'सिचुएशन रूम' अमेरिका का सबसे सुरक्षित और गोपनीय सैन्य नियंत्रण कक्ष है. इसका निर्माण 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के आदेश पर हुआ था. इसका उद्देश्य राष्ट्रपति को वैश्विक खतरों, सैन्य अभियानों और कूटनीतिक घटनाओं की रीयल-टाइम जानकारी देना है.

    2023 में जो बाइडेन प्रशासन ने इस रूम का आधुनिकीकरण करवाया, जिसमें अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा, एआई-बेस्ड डिस्प्ले और लाइव ग्लोबल इंटेलिजेंस फीड की व्यवस्था की गई.

    यह वही कमरा है, जहां से:

    • 2011 में बराक ओबामा ने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ ऑपरेशन का संचालन किया था.
    • 2019 में डोनाल्ड ट्रंप ने अबू बकर अल बगदादी के खिलाफ ऑपरेशन को मॉनिटर किया था.
    • और अब, ईरान के मौजूदा संकट पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.

    ट्रंप का ईरान के साथ पुराना टकराव

    • डोनाल्ड ट्रंप का ईरान के प्रति रवैया पहले से ही बेहद सख्त रहा है.
    • 2018 में ट्रंप ने ईरान न्यूक्लियर डील (JCPOA) से अमेरिका को बाहर निकाल दिया था.
    • इसके बाद ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए.

    जनवरी 2020 में, ट्रंप ने सिचुएशन रूम से आदेश देकर बगदाद एयरपोर्ट पर ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया था.

    ट्रंप की रणनीति हमेशा 'अत्यधिक दबाव' की रही है, जिसमें वे सीधे सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटते.

    क्या अब खामेनेई अगला लक्ष्य?

    ऐतिहासिक घटनाओं को देखें तो सिचुएशन रूम में अमेरिकी राष्ट्रपतियों की सक्रियता के बाद अक्सर तुरंत सैन्य कार्रवाई देखने को मिली है-

    • लादेन के खिलाफ ऑपरेशन
    • बगदादी का सफाया
    • कासिम सुलेमानी का ड्रोन हमला

    अब जब ट्रंप सिचुएशन रूम में लौट रहे हैं, और इजराइली नेतृत्व स्पष्ट कर चुका है कि उनका लक्ष्य ईरान के सर्वोच्च नेता हैं, तो सवाल उठता है:
    क्या अमेरिका-इजराइल मिलकर खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं?

    'वॉर ब्रेन' क्यों कहलाता है सिचुएशन रूम?

    सिचुएशन रूम को ‘वॉर ब्रेन’ यानी अमेरिकी राष्ट्रपति का युद्ध-मस्तिष्क कहा जाता है.

    यहां से:

    • ग्लोबल सैटेलाइट और सर्विलांस फीड्स को रीयल टाइम में मॉनिटर किया जाता है.
    • CIA, NSA, पेंटागन, स्टेट डिपार्टमेंट के आला अधिकारी सीधे जुड़े होते हैं.
    • रणनीतिक फैसलों को लाइव ग्राउंड इंटेलिजेंस के आधार पर लिया जाता है.

    यह कमरा दुनिया की उन गिनी-चुनी जगहों में से है, जहां से महज कुछ मिनटों में पूरी दुनिया की सैन्य दिशा बदल सकती है.

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