ट्रंप के खिलाफ खामेनेई के तेवर से मुस्लिम देशों में खौफ, तुर्की के खलीफा को भी चेताया; छिड़ेगा युद्ध?

अमेरिका के साथ तनाव और न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर बढ़ती समस्याओं के बीच ईरान ने अपने छह मुस्लिम पड़ोसी देशों को कड़ी चेतावनी दी है. ईरान ने कहा है कि अगर इन देशों ने किसी तरह से अमेरिका की मदद की, तो वह इसे अपने खिलाफ युद्ध मानेंगे.

ट्रंप के खिलाफ खामेनेई के तेवर से मुस्लिम देशों में खौफ, तुर्की के खलीफा को भी चेताया; छिड़ेगा युद्ध?
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अमेरिका के साथ तनाव और न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर बढ़ती समस्याओं के बीच ईरान ने अपने छह मुस्लिम पड़ोसी देशों को कड़ी चेतावनी दी है. ईरान ने कहा है कि अगर इन देशों ने किसी तरह से अमेरिका की मदद की, तो वह इसे अपने खिलाफ युद्ध मानेंगे.

ईरान की चेतावनी
ईरान ने इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, तुर्की और बहरीन को चेतावनी दी है. ईरान ने कहा कि अगर इन देशों ने अमेरिका को अपनी ज़मीन या हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने दिया, तो इसे युद्ध जैसा माना जाएगा.

तनाव बढ़ने की वजह
यह चेतावनी तब दी गई है जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बात नहीं करता, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इसके बाद ईरान ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और ओमान के जरिए वार्ता की बात की है.

ईरान की तैयारी
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान यह संदेश ऐसे समय में भेज रहा है, जब उसे लगता है कि अमेरिका सैन्य हमला कर सकता है. ईरान ने कहा है कि जो देश अमेरिका की मदद करेंगे, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ईरान यह भी चाहता है कि उसके पड़ोसी देशों को संघर्ष में शामिल होने से बचना चाहिए, ताकि अमेरिका अकेला पड़े और उसे मुश्किल का सामना करना पड़े. इराक, कुवैत, यूएई, कतर और बहरीन की सरकारों ने अभी तक ईरान के संदेश का कोई जवाब नहीं दिया है.

 विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान किसी संभावित अमेरिकी हमले से निपटने की तैयारी कर रहा है और चाहता है कि कोई भी पड़ोसी देश इस संघर्ष में शामिल न हो. ईरान ने अपने पड़ोसी देशों को अमेरिकी मदद से बचने की चेतावनी दी है, ताकि वह किसी संभावित सैन्य हमले से बच सके. ईरान की यह कोशिश है कि वह अपने क्षेत्र में किसी और देश को सैन्य संघर्ष में शामिल होने से रोके.