पाकिस्तानी सेना को सता रहा PoK खोने का डर! LOC पर दो अतिरिक्त डिवीजन और भारी मात्रा में हथियार तैनात

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति ने एक बार फिर रक्षात्मक तैयारियों को गति दे दी है. रिपोर्टों के अनुसार, दोनों देशों की सेनाएं सीमा के नज़दीक अपनी उपस्थिति और गतिविधियों को बढ़ा रही हैं.

    Pakistani army is afraid of losing PoK Two additional divisions and huge amount of weapons deployed on LOC
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    इस्लामाबाद/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति ने एक बार फिर रक्षात्मक तैयारियों को गति दे दी है. रिपोर्टों के अनुसार, दोनों देशों की सेनाएं सीमा के नज़दीक अपनी उपस्थिति और गतिविधियों को बढ़ा रही हैं.

    पाकिस्तानी सीमा पर तैनाती में बढ़ोतरी

    पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने भारत से सटी सीमा पर दो अतिरिक्त डिवीजनों की तैनाती की है. बताया जा रहा है कि सियालकोट स्थित 15वीं डिवीजन और खारियान स्थित 37वीं डिवीजन को सीमावर्ती इलाकों में भेजा गया है. इसके अतिरिक्त भारी सैन्य उपकरण जैसे टैंक और बख्तरबंद गाड़ियाँ भी तैनात की गई हैं.

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के नूर खान एयर बेस के निकट वायुसेना के लड़ाकू विमानों की उड़ान गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिन्हें प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में लिया जा रहा है.

    रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक पत्रकार सम्मेलन में पूछे गए सवाल के जवाब में यह स्पष्ट किया कि अगर सेना किसी रणनीतिक तैयारी में जुटी है, तो उसकी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है.

    भारत की जवाबी तैयारियां

    इस बीच भारत ने भी अपनी सैन्य सतर्कता को तेज किया है. भारतीय वायुसेना ने राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में "आक्रमण" नामक एक अभ्यास की शुरुआत की है, जिसमें राफेल सहित अन्य प्रमुख लड़ाकू विमान भाग ले रहे हैं. यह अभ्यास जमीनी और पहाड़ी इलाकों में विभिन्न परिदृश्यों में हवाई हमले और जवाबी कार्रवाई के अभ्यास पर केंद्रित है.

    भारतीय थल सेना को भी उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर हाई अलर्ट पर रखा गया है. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह सभी गतिविधियां "सावधानी और सतर्कता" के तहत की जा रही हैं और इसका उद्देश्य किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटना है.

    क्षेत्रीय स्थिरता की ज़रूरत

    भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय की संवेदनशील स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है. कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे समय में संवाद के चैनल खुले रखना और तनाव को नियंत्रण में बनाए रखना दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के हित में होगा.

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