इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत-पाक संबंधों पर गंभीर टिप्पणी करते हुए एक बार फिर दुनिया का ध्यान दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव की ओर खींचा है. पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बीच आसिफ ने चेतावनी दी है कि अगर तनाव यूं ही बढ़ता रहा, तो यह क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर संकट बन सकता है.
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात "परमाणु टकराव" की ओर बढ़ सकते हैं, और वैश्विक समुदाय को इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से लेना चाहिए.
जवाब दिए बिना नहीं रह सकते- आसिफ
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कतर-स्थित मीडिया संस्थान अल जजीरा को दिए गए इंटरव्यू में कहा, "अगर भारत कोई कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान मजबूर होकर उसका उसी स्तर पर जवाब देगा. हमारे पास और कोई विकल्प नहीं होगा."
उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और इनसे क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा मिल रहा है.
दुनिया को दी चेतावनी
आसिफ ने स्पष्ट कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और ऐसे में किसी भी प्रकार का टकराव न केवल उपमहाद्वीप, बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरे का कारण बन सकता है. उनके मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए.
आतंकी संगठनों पर पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति
बयानबाजी के बीच एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया — जब आसिफ ने ब्रिटिश मीडिया ‘द स्काई’ को दिए गए एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने बीते दशकों में आतंकियों को समर्थन और प्रशिक्षण देने में भूमिका निभाई है.
उनके शब्दों में, “हमारी जमीन का उपयोग वैश्विक शक्तियों ने अपने हितों के लिए किया और पाकिस्तान ने भी कई बार गलत फैसले लिए. आतंकियों को समर्थन देना एक गलती थी, जिसकी कीमत अब देश चुका रहा है.”
TRF और लश्कर पर बचाव का रुख
हालांकि, जब इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या पहलगाम हमले में शामिल आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है, तो आसिफ ने इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “लश्कर अब बीते समय की बात है. उसका अब कोई ठोस अस्तित्व नहीं है.”
भारत की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक सख्ती
भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि पाकिस्तान की ज़मीन से होने वाले आतंकी हमले अब सहन नहीं किए जाएंगे. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान को कड़ा राजनयिक संदेश भेजा, बल्कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने जैसा बड़ा कदम भी उठाया. इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की रणनीति तेज कर दी है.
यह बयानबाजी और स्वीकृतियां दर्शाती हैं कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा की स्थिति किस कदर जटिल हो गई है. अब यह केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रही, बल्कि एक ऐसा संकट बनती जा रही है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गहराई से समझने और सुलझाने की आवश्यकता है.
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