लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को वीर सावरकर पर दिए गए विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि हमें आजादी दिलाई और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति किसी भी तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
राहुल गांधी ने सावरकर पर क्या टिप्पणी की थी?
यह टिप्पणी 2022 में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान महाराष्ट्र में दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर आई है, जिसमें उन्होंने वीर सावरकर पर यह आरोप लगाया था कि वह अंग्रेजों से पेंशन लेते थे. इस टिप्पणी के खिलाफ लखनऊ की निचली अदालत में शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153A और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया.
कोर्ट ने राहुल गांधी को दी नसीहत
न्यायमूर्ति दीपांकर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राहुल गांधी से सख्त लहजे में कहा कि "इतिहास को समझे बिना इस प्रकार की टिप्पणियां करना बेहद गंभीर मामला है." अदालत ने आगे चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस तरह की कोई टिप्पणी दोहराई जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा.
इस प्रकार की टिप्पणी करना बेहद संवेदनशील
कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि स्वयं महात्मा गांधी ने वीर सावरकर के प्रति सम्मान व्यक्त किया था और राहुल गांधी की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी सावरकर को पत्र लिखा था. न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, "आप महाराष्ट्र जाकर इस तरह के बयान दे रहे हैं, जहां वीर सावरकर को श्रद्धा से देखा जाता है. यह बेहद संवेदनशील विषय है और ऐसे मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए."
राहुल गांधी को मिली राहत
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है, जिससे राहुल गांधी को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है. लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य में ऐसे किसी भी बयान को लेकर अदालत का रुख और भी कड़ा हो सकता है.
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