इजरायल-ईरान जंग के बाद एक और युद्ध भड़काने निकल पड़े डोनाल्ड ट्रंप, NATO देशों से ऐसा क्या कह दिया?

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी ने NATO सम्मेलन को एक राजनीतिक अखाड़े में तब्दील कर दिया.

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    डोनाल्ड ट्रंप | Photo: ANI

    यूरोप के शांत शहर हेग में इस बार राजनीति और रणनीति दोनों का ज़बरदस्त संगम देखने को मिला. NATO शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान जहां एक ओर सदस्य देशों ने सुरक्षा खर्च को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय पर सहमति दी, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी ने सम्मेलन को एक राजनीतिक अखाड़े में तब्दील कर दिया.

    ट्रंप का दावा और ‘कड़वी मुस्कान’

    ट्रंप के चेहरे पर यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत के दौरान भले ही मुस्कान थी, लेकिन उनके तीखे और आत्मविश्वास से भरे बयानों ने कई देशों को चौंका दिया. उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में ईरान में युद्ध समाप्त हुआ और उन्होंने NATO सहयोगी देशों को इस बात के लिए राज़ी कर लिया कि वे 2035 तक अपनी GDP का 5% रक्षा क्षेत्र में खर्च करें.

    ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि कोई देश इस दिशा में सहयोग नहीं करता, तो उसे अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों की "कीमत चुकानी" पड़ेगी. उनका यह बयान विशेष रूप से स्पेन की ओर इशारा करता प्रतीत हुआ.

    नया खर्च मॉडल: 5% का फॉर्मूला

    NATO की नई रणनीतिक योजना के मुताबिक अब सदस्य देशों को अपनी GDP का कम से कम 3.5% सैन्य साजोसामान और हथियारों पर खर्च करना होगा. वहीं, शेष 1.5% साइबर सुरक्षा, सैन्य ढांचे को मज़बूत करने और इंटरऑपरेबिलिटी यानी आपसी तालमेल पर खर्च किया जाएगा. इस योजना की समीक्षा हर चार साल में की जाएगी.

    हालांकि इस फैसले का सभी देशों ने खुले दिल से स्वागत नहीं किया. पोलैंड और बाल्टिक देशों ने जहां इसे सुरक्षा की दिशा में मज़बूत कदम बताया, वहीं स्पेन, स्लोवाकिया और बेल्जियम जैसे देश इस अतिरिक्त आर्थिक भार को लेकर संकोच में नज़र आए.

    असहमति के सुर

    स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी सरकार के लिए 5% खर्च मौजूदा हालात में मुमकिन नहीं है. उन्होंने NATO से राहत की मांग करते हुए कहा कि 2% की सीमा में भी स्पेन की सेनाएं पूरी तरह सक्षम हैं. स्लोवाकिया और बेल्जियम ने भी अपने लिए लचीलापन मांगा.

    ‘आर्टिकल 5’ पर उठे सवाल

    NATO के लिए सबसे संवेदनशील मुद्दा रहा — अमेरिका की प्रतिबद्धता. ट्रंप ने समिट से पहले यह कहकर हलचल मचा दी थी कि NATO का अनुच्छेद 5 (जिसमें कहा गया है कि एक सदस्य पर हमला पूरे गठबंधन पर हमला माना जाएगा) "विभिन्न अर्थ रख सकता है". हालांकि, बाद में उन्होंने मंच से स्पष्ट किया कि अमेरिका पूरी तरह से NATO के साथ खड़ा है. NATO के नए महासचिव मार्क रुटे ने भी प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "अमेरिका की प्रतिबद्धता पर कोई शक नहीं होना चाहिए."

    जेलेंस्की और ट्रंप की मुलाकात

    सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप के बीच करीब 50 मिनट की बातचीत हुई. जेलेंस्की ने इसे "लंबी और सार्थक" बैठक बताया, जिसमें युद्धविराम, शांति स्थापना, नागरिकों की सुरक्षा, और अमेरिकी पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम व ड्रोन निर्माण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

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