बांग्लादेश की राजनीतिक परिदृश्य इन दिनों लगातार उथल-पुथल का शिकार है. लोकतंत्र की राह पर लौटने की उम्मीदों के साथ जिस अंतरिम सरकार का गठन हुआ था, उसका नेतृत्व जब नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को सौंपा गया, तो देशवासियों को एक स्थिर और पारदर्शी शासन व्यवस्था की उम्मीद बंधी थी. लेकिन समय के साथ न तो हालात बदले और न ही राजनीतिक टकराव की स्थिति में कोई सुधार आया.
यूनुस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
यूनुस जिस छात्र आंदोलन की ताकत पर सत्ता में आए थे, वही छात्र नेता अब उनसे दूरी बना रहे हैं. निराशा इतनी बढ़ गई है कि वे अब अंतरिम सरकार से खुद को अलग कर नई राजनीतिक पार्टी के गठन की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन चुनौती यहीं खत्म नहीं होती — उन्हें पार्टी का पंजीकरण भी नहीं मिल पाया. इसे लेकर आरोप लग रहे हैं कि देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को जानबूझकर दबाया जा रहा है.
अवामी लीग का विरोध प्रदर्शन और ‘राजनीतिक संदेश’
ताज़ा घटनाक्रम में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने ढाका में विरोध प्रदर्शन किया, जिसकी अगुवाई स्थानीय यूनिट्स और सहयोगी संगठनों ने की. यह प्रदर्शन न सिर्फ केंद्र सरकार के खिलाफ था, बल्कि इसे रणनीतिक रूप से यूनुस के घर के सामने से गुजारा गया — जिससे साफ संदेश गया कि यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि एक राजनीतिक चेतावनी भी है.
ढाका-11 क्षेत्र और ढाका नॉर्थ सिटी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने बड्डा, भातार और रामपुरा जैसे इलाकों से मार्च में हिस्सा लिया. पार्टी के संगठक सचिव मजहर अनाम के नेतृत्व में निकले इस जुलूस को सोशल मीडिया पर भी काफी प्रचार मिला. छात्र लीग के पूर्व महासचिव गोलाम रब्बानी ने इसका वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा किया, जिससे इस पूरे घटनाक्रम को और ज़्यादा राजनीतिक रंग मिल गया.
पहले भी कर चुकी है अवामी लीग ताकत का प्रदर्शन
यह कोई पहली बार नहीं है जब अवामी लीग ने सड़क पर उतर कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई हो. इससे पहले 6 अप्रैल को भी पार्टी ने बैतुल मुकर्रम से बंगबंधु एवेन्यू तक मार्च निकाला था, जिसका नेतृत्व ढाका साउथ सिटी अवामी लीग के पूर्व महासचिव शाह आलम मुराद ने किया था. लगातार ऐसे प्रदर्शनों से साफ है कि पार्टी अब जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ विपक्षी दलों और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भी संदेश देने की रणनीति पर काम कर रही है.
राजनीतिक विश्लेषण: क्या यूनुस को दी जा रही है चेतावनी?
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यूनुस के घर के सामने से मार्च निकालना सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि सुनियोजित रणनीति है. इसका उद्देश्य यूनुस को उनकी सीमाओं का एहसास दिलाना हो सकता है, साथ ही यह भी जताना कि सत्ता की असली पकड़ अभी भी अवामी लीग के पास है. साथ ही, यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक अप्रत्यक्ष संदेश हो सकता है कि बांग्लादेश की सियासत पूरी तरह सरकार समर्थक ताकतों के नियंत्रण में है.
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