अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष और अधिक उग्र हो सकता है. ट्रंप प्रशासन अब यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति करने की योजना पर विचार कर रहा है, जो रूस की प्रमुख सैन्य सुविधाओं और शहरों को निशाना बना सकती हैं. यदि यह निर्णय लागू होता है, तो यह युद्ध को एक विनाशकारी मोड़ पर ले जा सकता है, क्योंकि इन मिसाइलों की क्षमता बहुत अधिक है और वे रूस के रक्षा तंत्र को चकमा देने की ताकत रखती हैं.
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने जुलाई 2023 में यूक्रेन को एक और बड़ा हथियार पैकेज देने का एलान किया, जिसमें नाटो सहयोगियों को दिए जाने वाले टॉमहॉक मिसाइलों का भी जिक्र था. इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूस के अंदरूनी हिस्सों जैसे मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे महत्वपूर्ण शहरों पर हमला करने के लिए किया जा सकता है. ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से रूस पर आक्रमण करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति का प्रस्ताव किया था, जिस पर जेलेंस्की ने सकारात्मक जवाब दिया. हालांकि, बाद में ट्रंप ने इस प्रस्ताव से पलटते हुए यूक्रेन को रूस के अंदर हमला न करने की सलाह दी.
यूक्रेन की रणनीतिक स्थिति और टॉमहॉक मिसाइल का महत्व
टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें अमेरिकी सैन्य हथियारों का हिस्सा मानी जाती हैं और अपनी उच्चतम सटीकता के लिए जानी जाती हैं. इन मिसाइलों की रेंज 1600 से 2500 किलोमीटर तक होती है, जिससे वे रूस के अधिकांश बड़े सैन्य ठिकानों को नष्ट कर सकती हैं. इन मिसाइलों की एक विशेषता यह है कि वे जमीन के बहुत पास उड़ती हैं और रडार से बच निकलने में सक्षम होती हैं. इसी कारण इन मिसाइलों को इंटरसेप्ट करना कठिन होता है, खासकर जब उन्हें समुद्र में चलने वाले जहाजों से लॉन्च किया जाता है.
रूस के खिलाफ इन मिसाइलों का उपयोग यूक्रेन के लिए रणनीतिक रूप से लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इनकी सटीकता और उच्च विस्फोटक क्षमता के चलते, ये किसी भी सैन्य ठिकाने को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं. हाल ही में, यूक्रेनी अधिकारियों ने अमेरिकी प्रशासन से टॉमहॉक मिसाइलों की मांग की थी, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने पहले इसे युद्ध के विनाशकारी मोड़ पर पहुंचने के खतरे को ध्यान में रखते हुए मना कर दिया था.
राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण
हालांकि ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने पर विचार किया, लेकिन अब इसे लेकर कुछ उलझनें पैदा हो गई हैं. इस कदम को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह निर्णय लिया जाता है, तो रूस पर हमला और युद्ध को और अधिक तीव्र बना सकता है, और यह न केवल रूस के लिए, बल्कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. रूस की सैन्य क्षमता को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती हो सकती है, क्योंकि रूस ने लंबे समय से अपने रक्षा तंत्र को बेहद मजबूत किया है.
फाइनेंशियल टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट जैसी रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि ट्रंप ने जेलेंस्की से पूछा था कि क्या वे रूस के अंदरूनी क्षेत्रों में हमला करना चाहते हैं, और जेलेंस्की ने इस पर 'बिल्कुल' जवाब दिया था. हालांकि बाद में ट्रंप ने अपनी रणनीति को बदलते हुए यूक्रेन को रूस के भीतर हमला न करने की सलाह दी, लेकिन इसने यूक्रेन को एक संभावना दी है कि वे पश्चिमी देशों को युद्ध में खींचने की कोशिश कर सकते हैं.
क्या टॉमहॉक मिसाइलें युद्ध को और बढ़ा सकती हैं?
हालांकि ट्रंप प्रशासन के फैसले ने यूक्रेनी अधिकारियों के मन में उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन यह कदम युद्ध को और भड़काने का कारण बन सकता है. अमेरिकी पॉलिसी पर सवाल उठते हुए यह तर्क दिया जा रहा है कि इस निर्णय से रूस और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और यह दुनिया को एक बड़ी सैन्य प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर ले जा सकता है. रूस के लिए यह हमले का मामला केवल सैन्य रणनीति का नहीं, बल्कि अस्तित्व का भी हो सकता है, और इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं.
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